केरल के सबरीमाला मंदिर में मकरविलक्कू महोत्सव का आयोजन किया गया
मकरविलक्कू महोत्सव
भारत के केरल राज्य में मनाया जाने वाला एक प्रसिद्ध और पवित्र पर्व है, जो भगवान अय्यप्पा के भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है।
यह त्योहार हर साल सबरीमाला मंदिर में मनाया जाता है और लाखों श्रद्धालु इस आयोजन में भाग लेते हैं।
मकर विल्लुकु का महत्व:
भगवान अय्यप्पा की आराधना:
मकर विल्लुकु भगवान अय्यप्पा के भक्तों के लिए एक विशेष दिन है। इसे भगवान के प्रति समर्पण और भक्ति का प्रतीक माना जाता है।
41 दिन की तपस्या:
इस पर्व में भाग लेने से पहले भक्त 41 दिनों तक कठोर व्रत का पालन करते हैं, जिसे मंडलम व्रतम कहते हैं। इसमें सात्विक जीवन, शुद्धता और ब्रह्मचर्य का पालन किया जाता है।
मकर संक्रांति का उत्सव:
मकर विल्लुकु पर्व मकर संक्रांति के अवसर पर मनाया जाता है, जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है। इसे प्रकृति और मानव के बीच संबंध का उत्सव भी माना जाता है।
पवित्र ज्योति (मकरज्योति):
मकर विल्लुकु का मुख्य आकर्षण मकरज्योति है, जो सबरीमाला पहाड़ी के ऊपर प्रकट होती है।
मकर संक्रांति के दिन पहाड़ों की चोटी पर एक दिव्य प्रकाश दिखता है
इसे दिव्य प्रकाश माना जाता है और इसे देखने के लिए भक्त बड़ी संख्या में इकट्ठा होते हैं।
इसे भगवान अय्यप्पा का आशीर्वाद माना जाता है।
सबरीमाला मंदिर
यह भारत के केरल राज्य में पथानमथिट्टा जिले के पश्चिमी घाट में स्थित एक प्राचीन और पवित्र हिंदू मंदिर है।
यह मंदिर भगवान अय्यप्पा को समर्पित है, जिन्हें हरिहरपुत्र (भगवान विष्णु और भगवान शिव के पुत्र) माना जाता है।
यह मंदिर अपनी भव्यता, कठिन तीर्थयात्रा, और आध्यात्मिक महत्व के लिए विश्व प्रसिद्ध है।