प्रारंभिक परीक्षा
(पर्यावरण पारिस्थितिकी)
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हाल ही में नेचर जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, जलवायु परिवर्तन के कारण भारत के संरक्षित क्षेत्रों(PAs)में मालाबार ट्री टॉड (MTT) का वितरण क्षेत्र वर्तमान अनुमानित वितरण के 68.7% तक कम हो सकता है।
मालाबार ट्री टॉड (Malabar Tree Toad) के बारे में
- विशेषता: यह भारत में पाई जाने वाली मेढक की एकमात्र ऐसी प्रजाति है, जिसमें पेड़ों पर चढ़ने और रहने की अनोखी क्षमता है।
- लेकिन यह मानसून के दौरान नदियों के किनारों पर जलकुंडों में प्रजनन के लिए जमीन पर आता है।
- वर्षा और नमी इसके प्रजनन के लिए आवश्यक परिस्थितियां प्रदान करती हैं।
- खोज : पहली बार इसकी खोज वर्ष 1876 में हुई थी इसके बाद यह प्रजाति 100 वर्षों से अधिक समय तक नहीं देखी गयी थी।
- बाद में 1980 में केरल के साइलेंट वैली नेशनल पार्क में इसे फिर से खोजा गया।
- वैज्ञानिक नाम :पेडोस्टिबेस ट्यूबरकुलोसस(Pedostibes tuberculosus)
- संरक्षण स्थिति:
- IUCN स्थिति:लुप्तप्राय (Endangered)
- खतरे : प्रतिकूल रूप से बदलती जलवायु, वृक्षों की कटाई, कृषि एवं बुनियादी ढांचे का विकास जैसी मानवजनित गतिविधियाँ,रोग और रूपात्मक विकृतियाँ
- प्रसार क्षेत्र :पश्चिमी घाट के जंगल में 250 मी. से 1000 मी. की ऊँचाई पर