प्रारंभिक परीक्षा के लिए - भारत में कुपोषण की स्थिति, ग्लोबल हंगर इंडेक्स, फूड फोर्टिफिकेशन मुख्य परीक्षा के लिए, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र:2 - गरीबी एवं भूख से संबंधित विषय |
संदर्भ
- वैश्विक भुखमरी सूचकांक 2022 की रैंकिंग में भारत के खराब प्रदर्शन के कारण कुपोषण की समस्या ने एक बार फिर से ध्यान आकर्षित किया है।
भारत में कुपोषण की स्थिति
- देश के बड़े हिस्से में खराब आर्थिक स्थिति, कृषि की खराब स्थिति तथा असुरक्षित स्वच्छता प्रथाओं के कारण भारत में कुपोषण एक गंभीर समस्या बना हुआ है।
- यह सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट की भयावहता को और बढ़ा देता है।
- राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के आंकड़ों के अनुसार, भारत में हर दूसरी महिला एनीमिया से पीड़ित है, हर तीसरा बच्चा स्टंटिंग और कुपोषण से प्रभावित है, और हर पांचवां बच्चा कमजोर है।
- ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2022 में भारत की रैंकिंग 121 देशों में से 107 है।
- युद्धग्रस्त अफगानिस्तान को छोड़कर, भारत ने ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2022 में दक्षिण एशियाई क्षेत्र के सभी देशों की तुलना में खराब प्रदर्शन किया है।
- हंगर इंडेक्स चार संकेतकों पर देशों के प्रदर्शन को मापता है।
- अल्पपोषण
- चाइल्ड वेस्टिंग
- चाइल्ड स्टंटिंग
- चाइल्ड मॉर्टेलिटी
- 2021 की FAO खाद्य सुरक्षा रिपोर्ट के अनुसार, भारत की कुल जनसंख्या में से 15.3% कुपोषण से प्रभावित है।
- ग्लोबल न्यूट्रिशन रिपोर्ट 2021 के आँकडों के अनुसार भारत में बाल स्टंटिंग, एशियाई औसत 21.8% से काफी अधिक है।
कुपोषण से निपटने के लिए फूड फोर्टिफिकेशन
- 1920 के दशक से विकसित देशों और उच्च आय वाले देशों ने फूड फोर्टिफिकेशन के माध्यम से कुपोषण की समस्या का सफलतापूर्वक समाधान किया है।
- अब भारत जैसे निम्न और मध्यम आय वाले देशों ने भी सूक्ष्म पोषक तत्वों से संबंधित कुपोषण से निपटने की रणनीतियों में से एक के रूप में फूड फोर्टिफिकेशन को अपनाया है।
- फूड फोर्टिफिकेशन, भोजन में पोषक तत्वों को जोड़ने की प्रक्रिया है।
- जैसे - चावल और गेहूं को आयरन, फोलिक एसिड और विटामिन बी 12 से फोर्टिफाइड किया जाता है तथा नमक को आयरन और आयोडीन से फोर्टिफाइड किया जाता है।
एनीमिया से निपटने के लिए फोर्टिफाइड चावल
- चावल भारत में 65% आबादी का मुख्य आहार है।
- फोर्टिफाइड चावल में आमतौर पर विटामिन ए, विटामिन बी1, विटामिन बी12, फोलिक एसिड, आयरन और जिंक होता है।
- फोर्टिफाइड चावल परियोजना पर विभिन्न राज्यों के अनुभव वैश्विक कार्यक्रमों के परिणामों के समान हैं, जो एनीमिया से निपटने के लिए फोर्टिफाइड भोजन को लागत प्रभावी रणनीति के रूप में उपयोग करते है।
- फूड फोर्टिफिकेशन के कारण होने वाले स्वास्थ्य लाभ के कारण लगभग 80 देशों ने अनाज के आटे के फोर्टिफिकेशन के लिए कानून बनाया है, और लगभग 13 देशों ने चावल के फोर्टिफिकेशन को अनिवार्य कर दिया है।
- जनता के लिए लक्षित सार्वजनिक वितरण कार्यक्रम के हिस्से के रूप में महाराष्ट्र सहित कुछ राज्यों में फोर्टिफाइड चावल के वितरण पर पायलट प्रोजेक्ट शुरू किए गए है।
- दो साल की अवधि के भीतर एनीमिया के मामलों को 58.9% से 29.5% तक रोकने के मामले में यह कार्यक्रम सफल रहा है।
- केंद्र सरकार ने पीडीएस, आईसीडीएस और पीएम-पोषण जैसे सामाजिक सुरक्षा जाल के वर्तमान मंच के माध्यम से फोर्टिफाइड चावल के वितरण को बढ़ाने की घोषणा की है।
- चावल फोर्टिफिकेशन, जिसकी लागत खाद्य सब्सिडी बिल (2018-19) के 1% से भी कम है, में 94.1 मिलियन एनीमिया के मामलों को रोकने की क्षमता है, जिससे पांच साल की अवधि में 8,098 करोड़ रुपये की बचत हो सकती है।
गुजरात में दोपहर भोजन योजना
- गुजरात में, 2018-2019 में स्कूली बच्चों (06-12 वर्ष) के लिए मध्याह्न भोजन योजना के हिस्से के रूप में मल्टीपल माइक्रोन्यूट्रिएंट फोर्टिफाइड राइस इंटरवेंशन पर अध्ययन में पाया गया कि इससे हीमोग्लोबिन एकाग्रता में वृद्धि हुई तथा एनीमिया प्रसार में 10% की कमी आई है।
आगे की राह
- कई सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी को दूर करने के लिए फूड फोर्टिफिकेशन एक लागत प्रभावी पूरक रणनीति है।
- इसकी सिद्ध प्रभावकारिता और लागत-प्रभावशीलता को देखते हुए, खाद्य फोर्टिफिकेशन भारत को सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी को कम करने और समग्र स्वास्थ्य लाभों को संबोधित करने में मदद कर सकता है।
- भारत की बहु-आयामी पोषण चुनौती के पीछे महत्वपूर्ण पोषण योजनाओं का कम उपयोग एक प्रमुख कारण है।
- भारत में फूड फोर्टिफिकेशन के संबंध में सावधानी के साथ किए गए विभिन्न हस्तक्षेप, कुपोषण की समस्या का समाधान कर सकते है।
- फूड फोर्टिफिकेशन के माध्यम से भारत, SDG-2 तथा SDG-3 के लक्ष्यों को भी प्राप्त कर सकता है।