संदर्भ
हाल ही में, भारत सरकार ने उत्तर प्रदेश के बिजनौर स्थित हैदरपुर आर्द्रभूमि को देश के 47वें रामसर स्थल के रूप में नामित किया।
हैदरपुर आर्द्रभूमि
- हस्तिनापुर वन्यजीव अभयारण्य में स्थित यह एक मानव निर्मित आर्द्रभूमि है। इसका निर्माण वर्ष 1984 में ‘मध्य गंगा बैराज’ पर किया गया था।
- यहाँ ब्लैक-बेलिड टर्न, स्टेपी ईगल और गोल्ड महासीर जैसी विभिन्न संकटग्रस्त प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
- इसके अलावा, गुजरात स्थित थोल व वाधवाना और हरियाणा स्थित सुल्तानपुर व भिंडावास नवघोषित रामसर स्थल हैं।
रामसर कंवेंशन
- क्या है?: आर्द्रभूमियों के संरक्षण हेतु एक अंतर-सरकारी संधि
- कब अपनाया?: वर्ष 1971 में (रामसर, ईरान); 1975 में लागू
- आर्द्रभूमि की परिभाषा: स्थायी या मौसमी रूप से पानी से संतृप्त भू-भाग
- 6 सहयोगी संगठन: बर्डलाइफ इंटरनेशनल, आई.यू.सी.एन., आई.डब्ल्यू.एम.आई., वेटलैंड्स इंटरनेशनल, डब्ल्यू.डब्ल्यू.एफ. इंटरनेशनल और वाइल्डफॉवल एंड वेटलैंड्स ट्रस्ट
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आर्द्रभूमियों का महत्त्व
- ‘पृथ्वी की किडनी’ कही जाने वाली आर्द्रभूमियाँ पारिस्थितिक तंत्र, जलवायु, बाढ़ नियंत्रण व जल शोधन में सहायक होती हैं।
- आर्द्रभूमियाँ विश्व की 40% पादप और पशु प्रजातियों का प्रजनन स्थल हैं। रामसर सम्मेलन के अनुसार, वन क्षेत्रों की अपेक्षा आर्द्रभूमियाँ तीन गुना तेज़ी से लुप्त हो रही हैं। वर्ष 1970-2015 के मध्य 35% आर्द्रभूमियाँ लुप्त हो गई हैं।
- विदित है कि हाल ही में, आर्द्रभूमि संबंधी सूचनाओं तक पहुँच सुनिश्चित करने के लिये पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने ‘वेटलैंड्स ऑफ इंडिया’ पोर्टल लॉन्च किया।