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GS Foundation (P+M) - Delhi: 26 Feb, 11:00 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 15 Feb, 10:30 AM Call Our Course Coordinator: 9555124124 GS Foundation (P+M) - Delhi: 26 Feb, 11:00 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 15 Feb, 10:30 AM Call Our Course Coordinator: 9555124124

मानव निर्मित आर्द्रभूमि और अपशिष्ट जल का शोधन

(प्रारंभिक परीक्षा- पर्यावरणीय पारिस्थितिकी)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3 : संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन)

संदर्भ

यमुना में बहने वाले अनुपचारित वाहित मल (Untreated Sewage) के कुछ हिस्से को प्राकृतिक रूप से उपचारित करने की योजना बनाई जा रही है। इससे वाहित मल उपचार संयंत्रों पर पड़ने वाले भार को कम किया जा सकता है। दिल्ली में इस अनोखे और धारणीय प्रयोग पर कार्य चल रहा है।

एक अभिनव प्रयोगujntreated-sewage

  • लगभग 200 हेक्टेयर भूमि पर विकसित किये जा रहे दक्षिणी दिल्ली जैव विविधता पार्क में 11 कंस्ट्रक्टेड वेटलैंड सिस्टम (Constructed Wetland Systems) का निर्माण किया जा रहा है।
  • कंस्ट्रक्टेड वेटलैंड सिस्टम में प्राकृतिक रूप से वाहित मल का शोधन/उपचार करने के लिये बोल्डर्स (पत्थर के टुकड़े) और विभिन्न प्रकार के पौधों का उपयोग किया जाता है।
  • वर्ष 2016 में दिल्ली में ही नीला हौज जैव विविधता पार्क में एक झील को पुनर्जीवित करने के लिये कंस्ट्रक्टेड वेटलैंड सिस्टम का सफलतापूर्वक उपयोग किया जा चुका है।

प्रक्रिया

  • इस प्रक्रिया में तीन-चरण होते हैं और इसमें विद्युत की आवश्यकता नहीं होती है। नाले के मुहाने या वाहित मल के स्रोत पर बोल्डर्स और पौधों का उपयोग करके एक आर्द्रभूमि परिसर का निर्माण किया जाता है।
  • यह स्रोत या नाली एक ऑक्सीकरण तालाब (Oxidation Pond) में जाकर मिलती है, जो उपचार प्रक्रिया का पहला चरण है। यहाँ अपशिष्ट में उपस्थित ठोस और जैविक पदार्थ को तार की जाली से हटा दिया जाता है और वायुमंडलीय ऑक्सीजन जल में घुल जाती है।
  • विदित है कि ऑक्सीकरण तालाब को अपशिष्ट स्थिरीकरण तालाब (Waste Stabilization Ponds : WSPs) भी कहा जाता है। इनका उपयोग वाहित मल से जैविक सामग्री और रोगाणुओं को हटाने के लिये किया जाता है।
  • इसके बाद पानी बोल्डर्स से बने छोटे-छोटे चैनलों व रिज से होकर गुजरता है और हलचल पैदा होने के कारण वातन/वायु-मिश्रण (Aeration- द्रव में गैस को मिलाना) की प्रक्रिया होती है। वातन के कारण पानी और वायु के निकट संपर्क से छोटे-छोटे बुलबुले उत्पन्न होते हैं और उसमें घुली गैसों को बाहर निकालते हैं।
  • बोल्डर्स के कारण जितनी अधिक हलचल उत्पन्न होती है ऑक्सीजन संतृप्ति और पानी की गुणवत्ता उतनी बेहतर होती है। हलचल के कारण ही जलप्रपात में अधिकतम ऑक्सीजन संतृप्ति होती है और इसलिये पानी की गुणवत्ता बहुत अच्छी होती है।
  • उपचार प्रक्रिया के अंतिम चरण में इस जल को पौधों की कई प्रजातियों से गुजारा जाता है, जो आर्सेनिक सहित भारी धातुओं के उपचार में प्रभावी होते हैं। इन पौधों में टाइपा (Typha), फरागमाइट्स (Phragmites), इपोमिया (Ipomoea) और साइप्रस (Cyprus) शामिल है।
  • अशोधित वाहित मल इन पौधों के लिये भोजन का कार्य करते है और पौधे इससे पोषक तत्त्वों का कर्षण करते हैं, जो इनकी वृद्धि में भी सहायक होते हैं।

लाभ

  • वाहित मल उपचार संयंत्रों (STPs) को चलाने के लिये बहुत अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है, जबकि इस प्राकृतिक विधि में विद्युत की आवश्यकता नहीं होती है।
  • साथ ही, वाहित मल की मात्रा कम या अधिक होने पर वाहित मल उपचार संयंत्र कार्य नहीं करते हैं। कंस्ट्रक्टेड वेटलैंड सिस्टम इनका एक व्यवहार्य विकल्प प्रदान करता है।
  • साथ ही, यह महंगे वाहित मल उपचार संयंत्रों की आवश्यकता को भी कम करता है। उपचारित पानी को आर्द्रभूमि के माध्यम से नदी में छोड़ा जाता है, जो पुनर्भरण और जल निकायों की स्वच्छता में सहायक होता है।
  • उल्लेखनीय है कि इस प्रक्रिया ने नीला हौज जैव विविधता पार्क स्थित झील में घुलित ऑक्सीजन (DO) की सांद्रता बढ़ा दी है जो 4 मिग्रा. प्रति लीटर के आस-पास है और यह पानी में मछली के प्रसार के लिये आवश्यक घुलित ऑक्सीजन मानदंड के करीब है।
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