प्रारम्भिक परीक्षा – मैंग्रोव वन बहाली योजना मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर- 3 (पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी) |
संदर्भ
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के राष्ट्रीय तटीय मिशन कार्यक्रम के तहत 'मैंग्रोव और कोरल रीफ्स का संरक्षण और प्रबंधन' नामक एक केंद्रीय योजना कार्यान्वित की जा रही है।
प्रमुख बिंदु
- केंद्रीय बजट 2023-24 में 'मैंग्रोव को अत्यधिक उच्च जैविक उत्पादकता और कार्बन पृथक्करण क्षमता वाले अद्वितीय, प्राकृतिक पारिस्थितिक तंत्र के रूप में बढ़ावा देने और संरक्षित करने के लिए 'मैंग्रोव पहल (मिष्टी/ MISHTI)' को लागूं करने की घोषणा की गई है।
- इस पहल को पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून 2023 को लॉन्च किया गया था।
- इस पहल के द्वारा वर्ष 2023-24 से पांच वर्षों की अवधि के लिए 9 तटीय राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों में लगभग 540 किमी 2 क्षेत्र में मैंग्रोव की बहाली / पुनर्वनीकरण की जाएगी।
- इसे पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986; वन्य जीवन (संरक्षण) अधिनियम, 1972; भारतीय वन अधिनियम, 1927; जैविक विविधता अधिनियम, 2002; और नियामक उपायों को समय-समय पर संशोधित इन अधिनियमों के तहत तटीय विनियमन क्षेत्र (CRZ) अधिसूचना (2019) के माध्यम से लागू किया जायेगा।
मैंग्रोव वन :-
- मैंग्रोव ज्वारीय वन होते हैं जो ज्वार से प्रभावित तटीय क्षेत्रों में पाए जाते हैं।
- ये वन तटीय प्रदेशों एवं दलदली क्षेत्र में पाए जाते हैं।
- मैंग्रोव वन चरम मौसमी परिस्थितियों में भी जीवित रह सकते हैं।
- इन्हें जीवित रहने के लिये निम्न ऑक्सीजन स्तर की आवश्यकता होती है।
- मैंग्रोव उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाए जाते हैं।
मैंग्रोव के प्रकार :-
- लाल मैंग्रोव
- काला मैंग्रोव
- सफेद मैंग्रोव
- बटनवुड मैंग्रोव
मैंग्रोव वनों का महत्व:-
- मैंग्रोव वन स्थलीय वनों की तुलना में प्रति हेक्टेयर दस गुना अधिक कार्बन संचय करना ।
- ज्वार और चक्रवात के विरुद्ध प्राकृतिक बाधाओं के रूप में कार्य करना। प्राकृतिक आपदा से होने वाले प्रतिवर्ष नुकसान को कम करना ।
- समुद्री जैवविविधता के लिये मत्स्य प्रजनन आधार प्रदान करना ।
- तटीय क्षेत्र में मिट्टी के कटाव को रोकना
- समुद्र तट की स्थिरता सुनिश्चित करना
- समुद्र तटों पर तलछट के निर्माण को करना।
‘वन स्थिति रिपोर्ट, 2021’ :-
- भारत में कुल मैंग्रोव आच्छादन 4,992 वर्ग किमी. है, जो देश के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 0.15% है।
- पश्चिम बंगाल का सुंदरबन विश्व का सबसे बड़ा मैंग्रोव वन है।
- मैंग्रोव आच्छादित अन्य राज्यों में महाराष्ट्र, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, गोवा और केरल हैं।
- ये महानदी, कृष्णा, गोदावरी और कावेरी नदियों के डेल्टा क्षेत्र में भी पाए जाते हैं।
सर्वाधिक मैंग्रोव वन क्षेत्र वाला राज्य :-
- पश्चिम बंगाल (42.33%)
- गुजरात (23.54%),
- अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह (12.34)
- आंध्र प्रदेश (8.11%)
मैंग्रोव अंतर्राष्ट्रीय दिवस:-
- यूनेस्को द्वारा प्रत्येक वर्ष 26 जुलाई को मैंग्रोव अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है।
उद्देश्य:-
- मैंग्रोव पारिस्थितिकी तंत्र के बारे में जागरूकता बढ़ाना और उनका संरक्षण करना है।
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प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न:- निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
- महाराष्ट्र
- ओडिशा
- आंध्र प्रदेश
- तमिलनाडु
उपर्युक्त में से कितने राज्यों में मैंग्रोव वन पाए जाते हैं ?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) केवल तीन
(d) सभी चार
उत्तर - (d)
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स्रोत : PIB