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एम-सैंड

चर्चा में क्यों?

हाल ही में, मद्रास उच्च न्यायालय ने ‘एम-सैंड’ निर्माताओं के संबंध में तमिलनाडु सरकार से हलफनामा माँगा है।

क्या होता है एम-सैंड?

  • ‘एम-सैंड’ (Manufactured Sand: M-Sand) से तात्पर्य विनिर्मित रेत से है। ये रेत चट्टानों और खदान के पत्थरों को चूर्ण करके बनाया जाता है, जो नदी रेत (बालू) का सर्वाधिक प्रचलित विकल्प है। 
  • इसके निर्माण में कोयला, चूना-पत्थर, सीमेंट, जल व कुछ मात्रा में नदी रेत आदि का उपयोग किया जाता है। नदी रेत की तुलना में एम-सैंड कंक्रीट के साथ बेहतर पकड़ बनाता है। 
  • एम-सैंड से बने कंक्रीट में नदी रेत की तुलना में पारगम्यता काफी कम होती है। एम-सैंड की जल अवशोषण क्षमता नदी रेत से अधिक होती है।
  • प्राकृतिक रेत की वैश्विक कमी, निर्माण में फाइन एग्रीगेट्स का बढ़ता प्रयोग और प्राकृतिक रेत में गाद व मिट्टी की उपस्थिति के कारण एम-सैंड की माँग में वृद्धि हुई है।

एम-सैंड के लाभ

  • नदी की रेत की तुलना में अधिक लागत प्रभावी।
  • नए यूरोपीय मानकों के अनुरूप।
  • पर्यावरण के अनुकूल।
  • निम्न प्रदूषक स्तर और बेहतर कार्यशील गुणवत्ता।
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