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मारबर्ग वायरस रोग

चर्चा में क्यों ?

  • हाल ही में मारबर्ग वायरस के कारण रवांडा में छह लोगों की मौत हो गई

मारबर्ग वायरस रोग

  • इसे पहले मारबर्ग रक्तस्रावी बुखार के रूप में जाना जाता था
  • यह एक दुर्लभ लेकिन गंभीर रक्तस्रावी बुखार है 
  • यह मारबर्ग वायरस के कारण होता है
    • यह एक आनुवंशिक रूप से अद्वितीय  जूनोटिक RNA वायरस है
    • मारबर्ग और इबोला दोनों ही फिलोविरिडे परिवार (फिलोवायरस) के सदस्य हैं।
  • इस वायरस का नाम जर्मन शहर मारबर्ग से लिया गया है
  • इसी शहर में वर्ष 1967 में पहली बार इसकी पहचान एक प्रयोगशाला में हुई थी
  • यह वायरस चमगादड़ों से मनुष्यों में फैल सकता है
  • इसके बाद यह संक्रमित व्यक्तियों के रक्त या अन्य शारीरिक तरल पदार्थों के साथ सीधे संपर्क के माध्यम से फैल सकता है 
  • लक्षण -
    • बुखार, ठंड लगना, सिरदर्द , मांसपेशियों में दर्द, चपटे और उभरे हुए दाने, सीने में दर्द, गले में खराश, मतली, उल्टी और दस्त 
  • मारबर्ग रोग के लिए अभी कोई उपचार या टीका नहीं है 
  • इस रोग में मृत्यु दर लगभग 50% है। 

रवांडा 

  • रवांडा पूर्वी मध्य अफ़्रीका में स्थित देश है।
  • यह एक ज़मीन से घिरा(landlocked) देश है।
  • इसकी सीमा बुरुंडी, युगांडा, तंजानिया और कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य  से लगती है 
  • राजधानी - किगाली 
  • मुद्रा - रवांडा फ्रैंक

प्रश्न  -  निम्नलिखित में से किस देश की सीमा रवांडा से नहीं लगती है ?

(a) बुरुंडी

(b) युगांडा

(c) तंजानिया

(d) केन्या 

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