चर्चा में क्यों
हाल ही में, राष्ट्रीय हरित अधिकरण की दक्षिणी पीठ ने तमिलनाडु के मरीना समुद्री तट (Beach) पर प्रस्तावित पेन स्मारक (Pen Statue) को लेकर तमिलनाडु सरकार को नोटिस जारी किया है।
प्रमुख बिंदु
- तमिलनाडु सरकार ने द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) के दिवंगत नेता एम. करुणानिधि की स्मृति में कलैगनार पेन स्मारक की स्थापना का प्रस्ताव किया है।
- राज्य ने 22 मार्च, 2016 को संशोधित तटीय विनियमन क्षेत्र (सीआरजेड) अधिसूचना की धारा- 4(ii)(j) के तहत पर्यावरण मंत्रालय से अनुमति मांगी थी।
- पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने बंगाल की खाड़ी में प्रस्तावित स्मारक के निर्माण की योजना पर चार वर्ष के भीतर अंतिम पर्यावरण प्रभाव रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया था।
चिंताएं
- तमिलनाडु लोक निर्माण विभाग ने इस परियोजना को मंजूरी दे दी है, जबकि पर्यावरणविदों का मानना है कि यह परियोजना तटीय पारिस्थितिकी तंत्र को हानि पहुंचाएगी।
- प्रस्तावित स्मारक मरीना समुद्री तट से बंगाल की खाड़ी में लगभग 360 मीटर की दूरी पर स्थित होगा जो CRZ-IA, CRZ-II और CRZ-IVA क्षेत्रों के अंतर्गत आता है।
- साथ ही, मंत्रालय ने मछुआरा समुदाय के साथ पर्यावरण प्रभाव आकलन अधिसूचना 2006 में निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार जन सुनवाई आयोजित करने का भी निर्देश दिया था।
राष्ट्रीय हरित अधिकरण
- राष्ट्रीय हरित अधिकरण अधिनियम, 2010 के तहत 18 अक्तूबर, 2010 को राष्ट्रीय हरित अधिकरण की स्थापना की गई थी।
- यह अधिकरण 1908 के नागरिक प्रक्रिया संहिता द्वारा तय की गई कार्यविधि से प्रतिबंधित नहीं है परंतु यह प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के अनुसार निर्देशित होता है।
- यह एक विशिष्ट निकाय है, जो पर्यावरण से संबंधित विवादों, बहु-अनुशासनात्मक मामलों सहित विशेषज्ञता से संचालित होने वाले सभी आवश्यक तंत्रों से सुसज्जित है।
- अधिकरण की प्रधान पीठ नई दिल्ली में तथा भोपाल, पुणे, कोलकाता व चेन्नई में अधिकरण की अन्य चार पीठें स्थित हैं।
|