(प्रारंभिक परीक्षा : भारत एवं विश्व का भूगोल) |
चर्चा में क्यों
तंजानिया में कार्बन क्रेडिट परियोजनाओं का मसाई (Maasai) जनजाति द्वारा विरोध किया जा रहा है।
मसाई जनजाति के बारे में
- परिचय : यह पूर्वी अफ्रीका में एक प्रमुख स्वदेशी पशुपालक समूह है, जो अपनी अनूठी सांस्कृतिक प्रथाओं, परंपराओं और जीवन शैली के लिए जाना जाता है।
- वितरण : ये मुख्यतः केन्या और तंज़ानिया के दक्षिणी और मध्य भागों में बसे हुए हैं।
- भाषा : ये लोग 'मा' भाषा बोलते हैं, जो ‘नीलो-सहारन परिवार’ की एक भाषा है।
- ‘नीलो-सहारन' भाषा परिवार मुख्य रूप से पूर्वी और मध्य अफ्रीका में प्रचलित है।
- आवास : मसाई अपने बोमा नामक बस्तियों में रहते हैं जो कांटेदार झाड़ियों और लकड़ियों से बनी घेरी होती है।
- घर आमतौर पर मिट्टी, गोबर और लकड़ी से बनाए जाते हैं, जिन्हें महिलाएं बनाती हैं।
- आहार : परंपरागत रूप से इनके आहार में कच्चा मांस, दूध, शहद और मवेशियों का रक्त शामिल होता है।
- जीवनशैली और आजीविका
- मसाई की पहचान उनकी पशुपालक संस्कृति से होती है।
- गाय, बकरी और भेड़ इनके लिए न केवल भोजन का स्रोत हैं, बल्कि धन, सम्मान, और सामाजिक स्थिति का प्रतीक भी हैं।
- ये लोग अर्ध-घुमंतू होते हैं और चराई के लिए वर्ष भर एक स्थान से दूसरे स्थान जाते हैं।
- धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताएं
- पारंपरिक मसाई धर्म में ‘एनकाई’ (Enkai/Engai) नामक एक एकेश्वरवादी ईश्वर की मान्यता है।
- वे प्रकृति की शक्तियों, पूर्वजों और अनुष्ठानों में विश्वास रखते हैं।
समस्याएं और चुनौतियाँ
- भूमि विवाद और विस्थापन : वन्यजीव संरक्षण, पर्यटन और कार्बन क्रेडिट परियोजनाओं के नाम पर मसाई लोगों को अपनी पारंपरिक भूमि से हटाया जा रहा है।
- जलवायु परिवर्तन : बदलते मौसम और सूखा चराई के लिए बड़ी समस्या बन रहे हैं।
- आधुनिकीकरण बनाम परंपरा : शिक्षा, स्वास्थ्य और आधुनिक जीवनशैली को अपनाने की प्रक्रिया में पारंपरिक पहचान और जीवनशैली खोने का डर।
प्रमुख संगठन
- मसाई समुदाय ने अपनी भूमि, संस्कृति और अधिकारों की रक्षा के लिए कई संगठन बनाए हैं जिनमें शामिल हैं :
- मासाई इंटरनेशनल सॉलिडेरिटी एलायंस (MISA)
- पस्तोरलिस्ट्स अलायन्स फॉर रेसिलिएंस एंड अडॉप्टेशन इन अफ्रीका (PARA-Africa)