New
IAS Foundation New Batch, Starting from 27th Aug 2024, 06:30 PM | Optional Subject History / Geography | Call: 9555124124

मातृ सहयोगिनी समितियाँ

चर्चा में क्यों?

हाल ही में, मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य भर में आंगनवाड़ी या डे-केयर केंद्रों पर दी जाने वाली सेवाओं की बेहतर निगरानी सुनिश्चित करने के लिये माताओं के नेतृत्व वाली ‘मातृ सहयोगिनी समितियों’ के गठन हेतु एक आदेश जारी किया है।

मातृ सहयोगिनी समितियाँ

  • मातृ सहयोगिनी समिति या माताओं की सहयोग समिति में प्रत्येक आंगनवाड़ी केंद्रों पर 10 माताओं को शामिल किया जाएगा। ये समितियाँ एकीकृत बाल विकास सेवा तथा राष्ट्रीय पोषण मिशन के तहत लाभार्थियों की समस्याओं का प्रतिनिधित्व करेंगी।
  • राज्य सरकार की इस पहल का उद्देश्य राज्य में भूख और कुपोषण की समस्या के प्रति सामुदायिक प्रतिक्रिया को मजबूत करना है।
  • समितियों में एक महिला पंच, समुदाय में सक्रिय महिलाएँ एवं स्वयंसेवी, स्थानीय स्कूल के शिक्षक और स्वयं सहायता समूह (SHG) की महिला प्रमुख भी शामिल होंगी।
  • लाभार्थियों में 6 महीने से 6 वर्ष तक के बच्चे, किशोरवय लड़कियाँ, गर्भवती महिलाएँ और स्तनपान कराने वाली माताएँ शामिल होंगी।
  • समिति में शामिल सदस्य आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों को परोसे जाने वाले भोजन के लिये पौष्टिक और स्वादिष्ट व्यंजनों का सुझाव देने के साथ-साथ उनके साप्ताहिक राशन वितरण की निगरानी भी करेंगी।
  • ध्यातव्य है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत आँगनवाड़ी केंद्रों की गतिविधियों के सुदृढ़ीकरण, पारदर्शिता एवं जवाबदेही के लिये सतर्कता समिति एवं सोशल ऑडिट व्यवस्था का प्रावधान है। मातृ सहयोगिनी समिति इस प्रयोजन के लिये सतर्कता समिति के रूप में कार्य करेगी।
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR