चर्चा में क्यों
हाल ही में, भारत की मावम्लुह गुफा को यूनेस्को के भूवैज्ञानिक विज्ञान के अंतर्राष्ट्रीय संघ (International Union of Geological Sciences: IUGS) के पहले 100 भूवैज्ञानिक स्थल के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- यह गुफा मेघालय के पूर्वी खासी हिल्स ज़िले के सोहरा (पूर्व नाम चेरापूंजी) नामक स्थान पर स्थित है। 4,503 मीटर की ऊँचाई पर स्थित यह गुफा अपने स्टैलेग्माइट संरचनाओं के लिये प्रसिद्ध है।
- यह भारतीय उपमहाद्वीप की चौथी सबसे लंबी गुफा है। इसकी खोज वर्ष 1844 में ब्रिटिश अधिकारी लेफ्टिनेंट यूल द्वारा की गयी थी।
- इस गुफा के भीतर एक झील स्थित है जो गुफा से गुजरने वाली पाँच अलग-अलग नदियों से निर्मित होती है।
- अमेरिका के शोधकर्ताओं ने इस गुफा में स्टैलेग्माइट संरचनाओं का अध्ययन किया, जिसमें बताया गया कि पूर्वोत्तर भारत में सर्दियों की वर्षा की मात्रा और प्रशांत महासागर में जलवायु परिस्थितियों के बीच एक असामान्य संबंध होता है।