चर्चा में क्यों
हाल ही में, बीजिंग स्थित सिनोजीन जैव प्रौद्योगिकी फर्म ने विश्व में पहली बार एक जंगली आर्कटिक भेडिया का सफलतापूर्वक क्लोन तैयार किया है।
आर्कटिक भेड़िया
- चीनी वैज्ञानिकों के इस क्लोन को दुर्लभ और लुप्तप्राय प्रजातियों के संरक्षण में एक मील का पत्थर माना जा रहा है। इसका नाम ‘माया’ रखा गया है।
- उल्लेखीय है कि आर्कटिक भेड़िया को सफ़ेद भेड़िया या ध्रुवीय भेड़िया के नाम से भी जाना जाता है। यह कनाडा के क्वीन एलिज़ाबेथ द्वीप समूह के उच्च आर्कटिक टुंडा क्षेत्र की स्थानीय प्रजाति है।
अनुसंधान से संबंधित तथ्य
- भेड़िया के लिये दाता कोशिका एक जंगली मादा आर्कटिक भेड़िये की त्वचा के नमूने से प्राप्त किया गया था और उसकी डिम्बाणुजनकोशिका (Oocyte) मादा कुत्ते से ली गई थी।
- एक अंडाशय में कोशिका जो एक डिंब बनाने के लिए अर्धसूत्रीविभाजन से गुजर सकती है।
- माया की सरोगेट मां एक बीगल है जो कुत्ते की एक नस्ल है। प्राचीन भेड़ियों के साथ आनुवंशिक वंश साझा करने के कारण इस कुत्ते को सरोगेट के रूप में चुना गया।
क्लोनिंग प्रक्रिया
- यह कोशिकाओं, ऊतकों आदि सहित जीवित जीवों की प्रतियां बनाने की एक प्रक्रिया है।
- सर्वप्रथम वर्ष 1996 में एक स्कॉटिश वैज्ञानिक ‘सर ईयन विल्मट’ के नेतृत्व में इस प्रक्रिया का प्रयोग करके एक जानवर का क्लोन तैयार किया गया था।
- इसके द्वारा एक व्यस्क भेड़ की स्तन कोशिका का प्रयोग करने ‘डॉली’ नाम की एक भेड़ को विकसित किया गया था।