प्रारम्भिक परीक्षा – एशिया का सबसे बड़े आदिवासी त्योहार मेदाराम जथारा मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर-1 (भारतीय विरासत और संस्कृति) |
संदर्भ
एशिया का सबसे बड़े आदिवासी त्योहार मेदाराम जथारा 21 फरवरी से 24 फरवरी 2024 तक तेलंगाना में आयोजित किया जाएगा।
मेदाराम जथारा या सम्मक्का सरलम्मा जथारा :-
- इस उत्सव को सम्मक्का सरलम्मा जथारा के नाम से जाना जाता है।
- इस उत्सव को प्रत्येक दो वर्षों के अंतराल पर तेलंगाना के मुलुगु जिले में स्थित तडवई मंडल के मेदाराम गांव में किया जाता है।
- इसे वर्ष 1998 में राज्य महोत्सव के रूप में घोषित किया गया था।
- इस उत्सव के दौरान भक्त देवताओं (सम्मक्का और सरलम्मा) को अपने वजन के बराबर गुड़ चढ़ाते हैं और जम्पन्ना वागु नदी में स्नान करते हैं।
- यह एक अन्यायपूर्ण कानून के खिलाफ एक मां और बेटी, सम्मक्का और सरलम्मा की लड़ाई की याद में मनाया जाता है।
- ऐसा माना जाता है कि इस त्यौहार के दौरान आदिवासियों के देवी-देवता उनसे मिलने आते हैं।
जम्पन्ना वागु नदी:-
- जम्पन्ना वागु गोदावरी नदी की एक सहायक नदी है।
- इस नदी का पानी की खून तरह लाल रंग का है (वैज्ञानिक रूप से पानी का लाल रंग मिट्टी की संरचना के कारण माना जाता है)।
- श्रद्धालु इस पवित्र नदी में डुबकी लगा कर अपने देवताओं के बलिदान को याद करते हैं।
प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न:- मेदाराम जथारा के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
- यह एशिया का सबसे बड़ा आदिवासी त्योहार है।
- इसका आयोजन तेलंगाना में प्रत्येक 5 वर्षों के अंतराल पर किया जाता है।
- इस उत्सव के दौरान भक्त देवताओं (सम्मक्का और सरलम्मा) को अपने वजन के बराबर गुड़ चढ़ाते हैं।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं
उत्तर - (b)
मुख्य परीक्षा प्रश्न:- मेदाराम जथारा क्या हैं? इसके सांस्कृतिक महत्व की विवेचना कीजिए।
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