मुख्य परीक्षा
(सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-1 : भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखीय हलचल, चक्रवात आदि जैसी महत्त्वपूर्ण भू-भौतिकीय घटनाएँ)
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संदर्भ
हाल ही में, दक्षिणी जापान में 7.1 तीव्रता का भूकंप आने के बाद, देश की मौसम विज्ञान एजेंसी ने पहली बार ‘मेगाभूकंप चेतावनी’ जारी की।
मेगाभूकंप (Megaquake) चेतावनी
- यह चेतावनी नानकाई द्रोणी (Nankai Trough) के लिए जारी की गयी। ऐसी चेतावनी में निवासियों से तैयार रहने, निकासी मार्गों की समीक्षा करने और भविष्य की संभावित चेतावनियों पर विचार करने के लिए कहा गया है।
- 8 से अधिक तीव्रता वाले भूकंपों को मेगाभूकंप (Megaquake) के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।
नानकाई द्रोणी के बारे में
- नानकाई द्रोणी (गर्त) जापान के दक्षिण-पश्चिमी प्रशांत तट पर एक सबडक्शन जोन है।
- सबडक्शन जोन एक ऐसा क्षेत्र होता है,जहां विवर्तनिक प्लेट एक-दूसरे से टकराती हैं और भारी प्लेट दूसरी प्लेट के नीचे खिसक जाती है।
- इस द्रोणी में यूरेशियन प्लेट फ़िलिपीन प्लेट से टकराती है, जिससे फ़िलिपीन प्लेट पृथ्वी के मेंटल में चली जाती है।
- ऐसे में विवर्तनिक तनाव मेगाभूकंप का कारण बन सकता है। ऐसे भूकंप 8 से अधिक तीव्रता के हो सकते हैं।
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अन्य महत्वपूर्ण बिंदु
- जर्नल नेचर में प्रकाशित 2023 के एक अध्ययन के अनुसार, गर्त में लगभग प्रत्येक 100 से 150 वर्षों में बड़े भूकंप आते हैं।
- ये भूकंप आमतौर पर जोड़े में आते हैं, आर्थात पहले के बाद दूसरा भूकंप प्राय: अगले दो वर्षों में आता है।
- सबसे हालिया ‘जुड़वां’ भूकंप वर्ष 1944 एवं 1946 में आए थे जिनकी तीव्रता 8.0 थी।
- विशेषज्ञों के अनुसार, अगले तीन दशकों के भीतर द्रोणी के आस-पास 8 या 9 तीव्रता का भूकंप आने की 70% से 80% संभावना है।
मेगाभूकंप के प्रभाव
- निक्केई एशिया पत्रिका की एक रिपोर्ट के अनुसार, नानकाई द्रोणी में आने वाला एक बड़ा भूकंप उस पूरे क्षेत्र को प्रभावित कर सकता है जो जापान के लगभग एक-तिहाई हिस्से को कवर करता है। यहाँ देश की लगभग आधी आबादी अर्थात 120 मिलियन से अधिक लोग रहते हैं।
- इस आपदा के कारण होने वाली आर्थिक क्षति 1.50 ट्रिलियन डॉलर या जापान के वार्षिक सकल घरेलू उत्पाद के एक-तिहाई से भी अधिक हो सकती है।
- इसका दीर्घकालिक प्रभाव तटीय औद्योगिक पावरहाउस, बुनियादी ढांचे एवं आपूर्ति श्रृंखलाओं पर भी पड़ेगा।
- पूर्वानुमानों के अनुसार, इससे पूर्वी एशियाई राष्ट्र के प्रशांत तट पर संभावित रूप से 100 फीट की ऊँचाई तक पहुँचने वाली अत्यंत विनाशकारी सुनामी आ सकती है।
जापान में भूकंप की बारंबारता
- प्रत्येक वर्ष जापान में करीब 1,500 भूकंप आते हैं। साथ ही, यहाँ प्रत्येक पांच मिनट में किसी-न-किसी तरह की भूकंपीय गतिविधि दर्ज की जाती है।
- इसका मुख्य कारण जापान की भौगोलिक अवस्थिति है ।
- वर्ष 2011 में पूर्वोत्तर जापान में 9.0 तीव्रता का भूकंप आया था।
- जापान दुनिया के सबसे अधिक भूकंप-प्रवण देशों में से एक है, जो प्रशांत महासागर के ‘रिंग ऑफ़ फायर’ क्षेत्र में स्थित है।
- यहाँ 400 से अधिक सक्रिय ज्वालामुखी हैं। यह क्षेत्र ऑस्ट्रेलिया के पूर्वी तट से लेकर पूर्वी रूस तक और उत्तरी अमेरिका के पश्चिमी तट से नीचे और चिली के पश्चिमी तट तक विस्तृत है।
- अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण और अंतर्राष्ट्रीय सुनामी सूचना केंद्र के अनुसार, दुनिया के सबसे बड़े भूकंप व सुनामी में से लगभग 80% इसी क्षेत्र में आते हैं।