प्रारंभिक परीक्षा- मेगालिथिक डोलमेन साइट मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर-1 |
चर्चा में क्यों
मूडबिद्री (Moodbidri) के पास मेगालिथिक डोलमेन साइट से पुरातात्विक अन्वेषण के दौरान प्राचीन टेराकोटा मूर्तियाँ मिली हैं।
प्रमुख बिंदु :
- दक्षिण कन्नड़ में मूडबिद्री के पास मुदु कोनाजे( Mudu Konaje) में मेगालिथिक डोलमेन साइट से पुरातात्विक अन्वेषणों में हड्डी और लोहे के टुकड़ों के साथ विभिन्न अवस्थाओं में अद्वितीय टेराकोटा मूर्तियाँ पाई गई हैं।
- ये मूर्तियाँ 800-700 ईसा पूर्व की प्रतीत होती हैं ।
- इन आठ मूर्तियों में से दो गाय, एक मातृ देवी, दो मोर, एक घोड़ा, एक देवी मां का हाथ और एक अज्ञात वस्तु है।
- मुदु कोनाजे में महापाषाण स्थल की खोज इतिहासकार और शोधकर्ता पुंडिकई गणपय्या भट (Pundikai Ganapayya Bhat) ने 1980 के दशक में की थी।
- यह सबसे बड़ा महापाषाण डोलमेन स्थल था जिसमें एक पत्थर की पहाड़ी की ढलान पर नौ डोलमेन शामिल थे।
- लेकिन केवल दो डोलमेन ही सुरक्षित हैं और बाकी कब्रें बर्बाद हो गई हैं।
- भारत में महापाषाण संस्कृति को लोहे के उपयोग से जाना जाता है।
- डोलमेन में पाई जाने वाली गाय की नस्लें डोलमेन के कालक्रम को निर्धारित करने में मदद करती हैं।
- महापाषाण कब्रगाहों में पाए गए टेराकोटा तटीय कर्नाटक के भूत पंथ या दैव आराधना के अध्ययन के लिए एक ठोस आधार प्रदान करते हैं।
- गाय देवी की समानताएं केरल और मिस्र की मालमपुझा मेगालिथिक टेराकोटा मूर्तियों में थीं।
- दो गाय में से एक बैल के सिर वाला एक ठोस हस्तनिर्मित मानव शरीर है और इसकी ऊंचाई लगभग 9 सेमी और चौड़ाई 5 सेमी है।
- दूसरी गाय गोजातीय एक और ठोस हस्तनिर्मित मूर्ति है जिसकी ऊंचाई लगभग 7.5 सेमी और चौड़ाई 4 सेमी है।
- दोनों मोरों में से एक ठोस मोर है जिसकी ऊंचाई लगभग 11 सेमी और चौड़ाई 7 सेमी है।
- एक अन्य मोर का लम्बा सिर अलग से बनाया गया है, जिसे उथले शरीर में डाला जा सकता है।
प्रश्न: निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
- मुदु कोनाजे में महापाषाण स्थल की खोज इतिहासकार और शोधकर्ता पुंडिकई गणपय्या भट ने 1980 के दशक में की थी।
- ये मूर्तियाँ 800-700 ईसा पूर्व की प्रतीत होती हैं ।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं ?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) कथन 1 और 2
(d) न तो 1 ना ही 2
उत्तर: (c)
मुख्य परीक्षा प्रश्न: टेराकोटा से क्या अभिप्राय है? टेराकोटा के ऐतिहासिक महत्व पर टिप्पणी कीजिए।
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स्रोत: the hindu