प्रारम्भिक परीक्षा – मेलघाट टाइगर रिजर्व (MTR), ‘कुला मामा वॉलीबॉल टूर्नामेंट-2024’ मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर- 3 (जैव-विविधता, पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी) |
चर्चा में क्यों
- मेलघाट टाइगर रिजर्व (MTR) सेमाडोह में ‘कुला मामा वॉलीबॉल टूर्नामेंट-2024’ का आयोजन किया गया।
कुला मामा वॉलीबॉल टूर्नामेंट-2024 :-
- इस टूर्नामेंट का आयोजन 16 से 20 फरवरी, 2024 तक मेलघाट टाइगर रिजर्व के प्रबंधन के द्वारा किया जा रहा है।
उद्देश्य :-
- इस खेल का उद्देश्य स्थानीय लोगों के माध्यम से बाघों को बचाना और जंगल की आग को रोकना है।
प्रमुख तथ्य :-
- यह एक नई पहल है। इस टूर्नामेंट में 48 टीमें भाग ले रही हैं।
- इस तरह का पहला सात दिवसीय 'कुला ट्रॉफी' टूर्नामेंट, 2013 में बोरीखेड़ा में आयोजित किया गया था।
- इसमें बाघ अभयारण्य और उसके आसपास के 70 गांवों से 150 टीमों ने भाग लिया था।
- इससे पहले, टाइगर रिजर्व ने जंगल की आग को रोकने के लिए गांवों को पुरस्कृत करके का कार्य किया गया था।
कुला मामा ट्रॉफी के तहत दिये जाने वाले पुरस्कार राशि :-
- विजेता को 25,000 रुपये की राशि प्रदान की जाएगी।
- उपविजेता को 15,000 रुपये की राशि प्रदान की जाएगी।
- तीसरे विजेता को 10,000 रुपये की राशि प्रदान की जाएगी।
- इसके अलावा, सर्वश्रेष्ठ 15 टीमों को भी पुरस्कृत किया जाएगा।
- इस पुरस्कार राशि को MTR टाइगर कंजर्वेशन फाउंडेशन (TCF) द्वारा भुगतान किया जाएगा।
महत्व:-
- जंगल में आग लगने के दौरान, स्थानीय समुदाय सबसे पहले अलर्ट भेजेंगे।
- इस टूर्नामेंट कार्यक्रम ने "न केवल संरक्षण, बल्कि उन युवाओं के बीच अच्छे खिलाड़ियों को तलाशने में भी मदद की है, जिन्होंने अंतर-कॉलेज, जिला और राज्य टूर्नामेंट में भाग लिया है।"
आगे की राह :-
- अगर कुला बचा रहेगा तो जंगल सुरक्षित रहेगा और अगर जंगल सुरक्षित रहेगा तो स्थानीय समुदाय सुरक्षित रहेंगे।
कुला मामा (Kula Mama):-
- इस नाम को कोरकू आदिवासियों और गवलियों के द्वारा बाघों के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
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मेलघाट टाइगर रिजर्व :-
- 'मेलघाट' नाम का अर्थ विभिन्न 'घाटों' या घाटियों का संगम है।
- मेलघाट टाइगर रिजर्व महाराष्ट्र के अमरावती जिले में स्थित है।
- यह टाइगर रिजर्व मध्य भारत में सतपुड़ा हिल रेंज की दक्षिणी शाखा गविलगढ़ हिल पर स्थित है।
- यह महाराष्ट्र का पहला बाघ अभयारण्य था।
- क्षेत्रफल की दृष्टि से यह आज भी देश के सबसे बड़े बाघ अभ्यारण्यों में से एक है।
- इसे वर्ष 1967 में एक वन्यजीव अभयारण्य के रूप में स्थापित किया गया था।
- वर्ष 1974 में इसे बाघ अभयारण्य घोषित किया गया।
- यह प्रोजेक्ट टाइगर के तहत वर्ष 1973-74 में अधिसूचित पहले नौ बाघ अभयारण्यों में से एक है।
- प्रोजेक्ट टाइगर:- इसे अप्रैल 1973 में रॉयल बंगाल टाइगर की रक्षा के लिए वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत प्रारम्भ किया गया।
वन्यजीव :-
- इस टाइगर रिजर्व में जानवर स्लॉथ भालू, भारतीय गौर, सांभर हिरण, तेंदुआ, नीलगाय एवं उल्लू आदि पाए जाते हैं।
- मेलघाट में पर्यटन 4 केंद्रों/गांवों सेमाडोह, चिखलदरा, हरिसल और शाहनूर में फैला हुआ है।
प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न:- हाल ही में किस टाइगर रिजर्व में स्थानीय लोगों के माध्यम से बाघों को बचाने और जंगल की आग को रोकना के उद्देश्य से कुला मामा वॉलीबॉल टूर्नामेंट-2024 का आयोजन किया गया ?
(a) ताडोबा टाइगर रिजर्व
(b) सह्याद्री टाइगर रिजर्व
(c) मेलघाट टाइगर रिजर्व
(d) पेंच टाइगर रिजर्व
उत्तर - (c)
मुख्य परीक्षा प्रश्न:- पर्यावरण संरक्षण की दिशा में स्थानीय समुदायों के महत्व की विवेचना कीजिए।
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स्रोत: THE TIMES OF INDIA