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भारत और अमेरिका के मध्य बौद्धिक सम्पदा पर समझौता ज्ञापन

चर्चा में क्यों?

हाल ही में, भारत और अमेरिका ने बौद्धिक सम्पदा सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर किया है।

समझौता ज्ञापन के प्रमुख बिंदु

  • यह समझौता उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) तथा संयुक्त राज्य पेटेंट एवं ट्रेडमार्क कार्यालय (USPTO) के बीच हुआ है। इसका लक्ष्य दोनों देशों के बीच बौद्धिक सम्पदा (IP) सहयोग का बढ़ाना है।
  • यह समझौता ज्ञापन भारत व अमेरिका के मध्य सहयोग को बढ़ाने तथा दोनों देशों में पालन की जाने वाली सर्वोत्तम प्रथाओं के संदर्भ में एक-दूसरे के अनुभव से सीखने का अवसर प्रदान करेगा।
  • यह वैश्विक नवाचार में एक प्रमुख भागीदार बनने और राष्ट्रीय आई.पी.आर. नीति, 2016 के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने की दिशा में भारत के लिये एक महत्त्वपूर्ण कदम होगा।

समझौता ज्ञापन से आई.पी. सहयोग में वृद्धि

  • यह एम.ओ.यू. जनता के साथ-साथ उद्योगों, विश्वविद्यालयों, अनुसंधान तथा विकास संगठनों और लघु एवं मध्यम आकार के उद्यमों के मध्य आई.पी. पर सर्वोत्तम प्रथाओं, अनुभवों व ज्ञान के आदान-प्रदान एवं प्रसार की सुविधा प्रदान करेगा।
  • इससे प्रशिक्षण कार्यक्रमों, विशेषज्ञों व तकनीकों के आदान-प्रदान एवं आउटरीच गतिविधियों में सहयोग बढ़ने की भी उम्मीद है।
  • यह समझौता ज्ञापन पेटेंट, ट्रेडमार्क, कॉपीराइट, भौगोलिक संकेतक एवं औद्योगिक डिजाइनों के साथ-साथ आई.पी. अधिकारों के संरक्षण, प्रवर्तन तथा उपयोग के लिये आवेदन के पंजीकरण व परीक्षण प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी तथा सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान करता है।
  • यह ऑटोमेशन तथा आधुनिक परियोजनाओं के विकास एवं कार्यान्वयन के बारे में भी जानकारी का आदान-प्रदान करने में सहायक होगा। साथ ही यह आई.पी. क्षेत्र में दस्तावेज़ीकरण, सूचना प्रणाली और कार्यालय सेवाओं के प्रबंधन में सहयोग प्रदान करेगा।
  • पारम्परिक ज्ञान से सम्बंधित विभिन्न मुद्दों और पारम्परिक ज्ञान डाटाबेस की सुरक्षा के लिये वर्तमान आई.पी. प्रणाली के उपयोग पर जागरूकता बढ़ाने सहित विभिन्न मुद्दों को समझने के लिये भी सहयोग की उम्मीद है।

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