विकासक्रम:
हाल ही में भारतीय बीमा विनियामक औरविकास प्राधिकरण (IRDAI) द्वारा बैंक विलय प्रक्रिया में शामिल चार बैंकों तथा उनके सम्मिलित ऋणदाताओं को पुराने बैंकश्योरेंस समझौते (Bancassurance Agreement)के साथ कार्य करने की अवधि को एक वर्ष तक बढ़ा दिया गया है।
ये चारो बैंक (पी.एन.बी., केनरा बैंक, यूनियन बैंक ऑफ़ इण्डिया और इण्डियन बैंक) एश्योरेंस व्यवसाय में संलग्न हैं।
क्या हैबैंकएश्योरेंस:
- यहबैंकऔरबीमाकम्पनी के बीच एक साझेदारी है। जिसके तहत बीमा कम्पनियाँ बैंक के माध्यम से बीमा व पेंशन उत्पादों की बिक्री करती हैं। इसे बैंक-बीमा मॉडल(Bank-Insurance Model/BIM) भी कहा जाता है।
- इरडाद्वाराजारीबैंकश्योरेंसनियमोंकेअनुसारएकबैंककेवलतीनजीवन, सामान्यऔरस्वास्थ्य बीमा कंपनियों के उत्पादों की बिक्री कर सकता है।
- बैंकएश्योरेंस का प्रावधान बैंकिंग विनियमन अधिनियमन 1949 की धारा 6 (1)(0) के तहत आता है|
बैंकएश्योरेंस केलाभ:
- ग्राहककोएक हीछतकेनीचेसमग्रवित्तीयसमाधान की सुविधा प्राप्त हो जाती है।
- बीमाकम्पनीकोबैंककीसाखएवंवितरण नेटवर्क का लाभ मिलताहै, जिससे एक मजबूत ग्राहक आधार(Strong Consumer Base) तक पहुँच सुनिश्चित होती है।
- बैंकएश्योरेंसमॉडलसेजनसंख्याकेएकबड़ेवर्गकेवित्तीय समावेशन (Financial Inclusion) में सहायता मिलती है।
- बैंकों को एक अन्य अतिरिक्त स्त्रोत से राजस्व कमाने का अवसर प्राप्त होता है।
चिंताएं:
- यहमॉडलबैंकोंकोसम्पूर्णवित्तीयउद्योगपरनियंत्रण प्रदान करने का अवसर देता है, जिससे वित्तीय बाजार में एकाधिकार की सम्भावना बनी रहती है।
- अगरबीमा कम्पनी क्षतिपूर्ति में अनियमिततायें करती है तो बैंक की साख के लिए खतरा उत्पन्न हो सकता है।
बैंकएश्योरेंस पारंपरिक वितरण चैनलों की तुलना में कम लागत में उच्च उत्पादकता के साथ एक कुशल वितरण प्लेटफार्म उपलब्ध कराता है साथ ही यह मॉडल बीमा क्षेत्र में प्रमुख भूमिका अदा कर रहा है।
स्त्रोत: द हिन्दू व ET