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मीथेनसैट

प्रारंभिक परीक्षा- समसामयिकी, मीथेनसैट, पर्यावरण रक्षा कोष
मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर-3

संदर्भ:

4 मार्च, 2024 को कृत्रिम उपग्रह मीथेनसैट को कैलिफोर्निया (USA) से स्पेसएक्स फाल्कन9 रॉकेट से लॉन्च किया गया।

methanesat

मुख्य बिंदु-

  • मीथेनसैट वैश्विक स्तर पर मीथेन के उत्सर्जन को ट्रैक करेगा और उसे मापेगा
  • यह वॉशिंग मशीन के आकार का है।
  • मीथेन उत्सर्जन को ट्रैक करने और मापने वाला मीथेनसैट पहला उपग्रह है।
  • इसकी विशेषता यह है कि यह अपने पूर्ववर्तियों की तुलना में अधिक विवरण देगा और इसका परास बहुत व्यापक होगा।

मीथेनसैट के बारे में:

  • मीथेनसैट का निर्माण करने वाली संस्था ‘पर्यावरण रक्षा कोष’ (EDF) है 
    • EDF एक US-आधारित पर्यावरण की समर्थक गैर-लाभकारी समूह है। 
    • EDF ने उपग्रह के निर्माण के लिए हार्वर्ड विश्वविद्यालय, स्मिथसोनियन एस्ट्रोफिजिकल ऑब्जर्वेटरी और न्यूजीलैंड अंतरिक्ष एजेंसी के साथ साझेदारी की है।
  • मीथेनसैट दिन में 15 बार पृथ्वी की परिक्रमा करेगा और तेल एवं गैस क्षेत्र की निगरानी करेगा। 
  • यह बड़ी मात्रा में डेटा उपलब्ध कराएगा और बताएगा कि;
    • कहां से कितनी मीथेन आ रही है।
    • इसके लिए कौन जिम्मेदार है।
    • समय के साथ मीथेन का उत्सर्जन बढ़ रहा है या घट रहा है।
  • मीथेनसैट द्वारा एकत्र किए गए डेटा को वास्तविक समय में निःशुल्क सार्वजनिक किया जाएगा। 
    • इससे हितधारकों और नियामकों को मीथेन उत्सर्जन को कम करने के लिए कार्रवाई करने में सहायता मिलेगी।

मीथेनसैट की विशेषताएं:

  • मीथेन उत्सर्जन के स्रोत पर नज़र रखना और उन्हें मापना काफी चुनौतीपूर्ण रहा है।
  • कुछ उपग्रह उच्च-रिज़ॉल्यूशन डेटा प्रदान करते हैं, किंतु वे केवल विशिष्ट और पूर्व-लक्षित साइटों को स्कैन करते हैं।

पूर्व के प्रमुख उपग्रह- MARS( Methane Alert and Response System),  कॉपरनिकस सेंटिनल-1 और सेंटिनल-2 , कॉपरनिकस सेंटिनल-5P

  • ये उपग्रह बड़े क्षेत्रों पर नज़र रख सकते हैं और बड़े उत्सर्जन स्थलों का पता लगा सकते हैं।
    • लेकिन  ये छोटे स्रोतों को स्कैन नहीं पाते हैं, जो कई क्षेत्रों में अधिकांश उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार हैं।
    • अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) की रिपोर्ट के अनुसार, इस विसंगति के कारण वैश्विक मीथेन उत्सर्जन राष्ट्रीय सरकारों द्वारा दिए गए स्तरों से लगभग 70 प्रतिशत अधिक है।
  • मीथेनसैट से इस समस्या के समाधान होने की उम्मीद है। 
    • यह उच्च-रिज़ॉल्यूशन वाले इन्फ्रारेड सेंसर और एक स्पेक्ट्रोमीटर से युक्त है, जो महत्वपूर्ण डेटा अंतराल को भर देगा। 
    • यह वायुमंडल में स्थित प्रति बिलियन मीथेन सांद्रता के तीन भागों तक के अंतर को ट्रैक कर सकता है।
    • यह क्षमता इसे पिछले उपग्रहों की तुलना में छोटे उत्सर्जन स्रोतों को ट्रैक करने में सक्षम बनाता है। 
    • मीथेनसैट में एक वाइड- कैमरा तंत्र (लगभग 200 किमी x 200 किमी) भी है, जो इसे बड़े उत्सर्जकों (super emitters) को ट्रैक करने में सहायता करता है।
    • एकत्र किए गए डेटा का विश्लेषण गूगल द्वारा विकसित क्लाउड-कंप्यूटिंग और AI तकनीक का उपयोग करके किया जाएगा। 
      • गूगल इस मिशन का एक भागीदार है। 
      • डेटा को Google के अर्थ इंजन प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से सार्वजनिक किया जाएगा।

महत्व:

  • मीथेनसैट का प्रक्षेपण ऐसे समय में हुआ है, जब दुनिया कठोर मीथेन प्रबंधन नीतियों को लागू कर रही है। 
  • वर्ष 2030 तक अपने सामूहिक मीथेन उत्सर्जन में 2020 के स्तर से कम से कम 30 प्रतिशत की कटौती करने के लिए वर्ष, 2021 में 150 से अधिक देशों ने वैश्विक मीथेन संकल्प पर हस्ताक्षर किए । 
  • वर्ष 2023 के COP सम्मलेन में 50 से अधिक कंपनियों ने मीथेन उत्सर्जन और नियमित फ्लेरिंग को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्धता जताई। 
  • मीथेनसैट उन्हें इन लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करेगा।
  • यह उपग्रह पारदर्शिता के एक नए युग की शुरुआत भी करेगा। 
  • इसका सार्वजनिक रूप से उपलब्ध डेटा सरकारों और निगमों द्वारा की गई मीथेन प्रतिबद्धताओं पर नज़र रखेगा।
  • इसका मतलब यह नहीं है कि यह डेटा प्रदूषकों को अपने उत्सर्जन पर अंकुश लगाने के लिए मजबूर करेगा। 

मीथेन उत्सर्जन को ट्रैक करने और मापने की आवश्यकता क्यों है:

  • मीथेन एक अदृश्य और हानिकारक ग्रीनहाउस गैस है। 
  • ग्लोबल वार्मिंग में कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) के बाद इसका दूसरा सबसे बड़ा योगदान 
  • संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के अनुसार, पिछले 20 वर्षों के दौरान CO2 की तुलना में मीथेन का योगदान ग्लोबल वार्मिंग में 80 गुना अधिक रहा।
  • यह पृथ्वी की सतह पर ओजोन के निर्माण में भी योगदान देती है। 
    • ओजोन एक रंगहीन और अत्यधिक जलन पैदा करने वाली गैस है, जो पृथ्वी की सतह के ठीक ऊपर बनती है। 
    • वर्ष 2022 की एक रिपोर्ट के अनुसार, सतह के ओजोन के संपर्क में आने के कारण प्रतिवर्ष 10 लाख से अधिक लोगों की मृत्यु समय से पहले हो गई।
  • मीथेन उत्सर्जन और जीवाश्म ईंधन के परिचालन में कटौती करना महत्वपूर्ण है।
    • जीवाश्म ईंधन से मीथेन का उत्सर्जन सभी मानव-जनित मीथेन उत्सर्जन का लगभग 40 प्रतिशत है।
  • मीथेनसैट का उद्देश्य इस लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करना है।

प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रश्न-

प्रश्न- मीथेनसैट के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।

  1. इसे इसरो द्वारा लॉन्च किया गया है।
  2. यह मीथेन के उत्सर्जन को ट्रैक करेगा एवं उसे मापेगा।
  3. मीथेन उत्सर्जन को ट्रैक करने और मापने वाला मीथेनसैट विश्व का पहला उपग्रह है।

उपर्युक्त में से कितना/कितने कथन सही है/हैं?

(a) केवल एक

(b) केवल दो

(c) सभी तीनों 

(d) कोई नहीं 

उत्तर- (a)

मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न-

प्रश्न-  मीथेनसैट की विशेषताओं को बताते हुए उसके महत्त्व को स्पष्ट करें।

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