चर्चा में क्यों
हाल ही में, असम में बंगाली भाषा या बंगाल मूल के मुसलमानों की संस्कृति को प्रदर्शित करने वाले ‘मियां संग्रहालय’ को सील कर दिया गया है।
विवाद का विषय
- यह असम के गोलपारा ज़िले में अवस्थित है, जिसे प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत आवंटित आवास को निर्धारित नियमों का उल्लंघन करके संग्रहालय में परिवर्तित करके बनाया गया है।
- इस क्षेत्र में ‘मियां’ शब्द का इस्तेमाल बंगाल मूल के मुसलमानों के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक अपमानजनक शब्द है।
- विदित है कि वर्ष 2020 में भी असम में श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र परिसर में मियां संग्रहालय की स्थापना को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ था। इसे चार-चपोरी क्षेत्र के मियां लोगों की संस्कृति और विरासत को दर्शाने हेतु स्थापित किया गया था।
चार-चपोरी क्षेत्र
|
- चार-चपोरी क्षेत्र को बंगाल मूल के मुस्लिमों, जिन्हें 'मियां' के नाम से जाना जाता है, के द्वारा बसाया गया है। इन पर मुख्यतः बंगाल मूल के मुसलमानों का कब्ज़ा है, लेकिन अन्य समुदायों जैसे मिसिंग, देओरिस, कोचरिस तथा नेपाली भी यहाँ निवास करते हैं।
- इस क्षेत्र के लोगों को मिट्टी के कटाव, बाढ़, अशिक्षा, अवैध-प्रवासन, उच्च जनसंख्या वृद्धि और उनके विरुद्ध घृणित अपराध सहित कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इनकी आबादी का 80% हिस्सा गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन कर रहा है।
- विदित है कि चार-चपोरी क्षेत्र में ‘चार’ ब्रह्मपुत्र नदी पर तैरता हुआ द्वीप है, जबकि ‘चपोरी’ बाढ़-संभावित निम्न नदी-तटों पर स्थित क्षेत्र है। ब्रह्मपुत्र नदी के प्रवाह के कारण ये दोनों क्षेत्र अपना आकार परस्पर एक- दूसरे में बदलते रहते हैं।
|