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झारखंड में अभ्रक खदानें बाल श्रम मुक्त घोषित

चर्चा में क्यों ?

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  • हाल ही में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने झारखंड की अभ्रक खदानों को 'बाल श्रम-मुक्त' घोषित किया। 

अभ्रक 

  • अभ्रक एक चमकदार, पारभासी खनिज है
  • इसका  उपयोग सौंदर्य प्रसाधन, इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल और निर्माण जैसे विभिन्न उद्योगों में किया जाता है। 
  • यह झारखंड के कोडरमा और गिरिडीह जिलों में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। 
  • भारत दुनिया में अभ्रक का सबसे बड़ा निर्यातक देश है। 
  • चीन विश्व में अभ्रक का सबसे बड़ा उत्पादक है।

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग 

  • यह एक वैधानिक निकाय है
  • इसकी स्थापना बाल अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम, 2005 के तहत वर्ष 2007 में की गई थी 
  • यह केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में आता है। 
  • इसमें एक अध्यक्ष और 6 सदस्य होते हैं, जिनमें से दो सदस्य महिलाएँ होती हैं 
  • कार्य –
    • बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए मौजूदा सुरक्षा उपायों की जांच और समीक्षा करना तथा उनके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए उपायों की सिफारिश करना।
    • इन सुरक्षा उपायों की प्रभावशीलता पर केंद्र सरकार को वार्षिक रूप से तथा अन्य अंतरालों पर रिपोर्ट देना 
    • बाल अधिकारों के उल्लंघन की जांच करना तथा उचित मामलों में कानूनी कार्यवाही की सिफारिश करना।
    • बाल अधिकारों से संबंधित मौजूदा नीतियों, कार्यक्रमों और गतिविधियों की समीक्षा करना तथा उनमें सुधार के लिए सिफारिशें करना 
    • बाल अधिकारों के क्षेत्र में अनुसंधान को बढ़ावा देना 
    • बाल अधिकारों और उपलब्ध सुरक्षा उपायों के बारे में जागरूकता बढ़ाना
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