New
GS Foundation (P+M) - Delhi: 20 Jan, 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 5 Jan, 10:30 AM Call Our Course Coordinator: 9555124124 GS Foundation (P+M) - Delhi: 20 Jan, 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 5 Jan, 10:30 AM Call Our Course Coordinator: 9555124124

मंगल ग्रह की सतह पर सूक्ष्म जीव

(प्रारंभिक परीक्षा के लिए - मंगल ग्रह, मंगल ग्रह से संबंधित मिशन, डीनोकोकस रेडियोड्यूरन)
(मुख्य परीक्षा के लिए, सामान्य अध्ययन प्रश्नप्रत्र:3  - प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी)

संदर्भ

  • हाल ही में किए गए एक परीक्षण के दौरान पाया गया, कि पृथ्वी के सबसे कठिन जीवाणुओं में से एक डीनोकोकस रेडियोड्यूरन मंगल ग्रह पर सतह के नीचे 280 मिलियन वर्षों तक जीवित रह सकता है।
  • यह इस संभावना को बढ़ाता है, कि माइक्रोबियल जीवन मंगल ग्रह पर मौजूद हो सकता है।

परीक्षण

  • वैज्ञानिकों ने जीवाणुओं और कवकों का यह देखने के लिए परीक्षण किया, कि वे कितने समय तक एक ऐसे वातावरण में जीवित रह सकते हैं, जो मंगल के मध्य अक्षांशों के वातावरण का अनुकरण करता है।
    • इस दौरान पाया गया, कि ये उस वातावरण में भी जीवित रहने में सक्षम हैं, जिसमें अन्य जीव मर जाते हैं।
  • परीक्षण के दौरान इन्हे माइनस 80 डिग्री फ़ारेनहाइट (न्यूनतम 63 डिग्री सेल्सियस) तापमान और पराबैंगनी प्रकाश के संपर्क में रखा गया।
  • इस अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पाया, कि पृथ्वी का एक जीवाणु डीनोकोकस रेडियोड्यूरन विकिरण के लिए इतना प्रतिरोधी है, कि यह मंगल की सतह से 33 फीट (10 मीटर) नीचे मौजूद विकिरण में 280 मिलियन वर्षों तक जीवित रह सकता है।
  • पृथ्वी पर परमाणु रिएक्टरों में पाए गए प्लकी छोटे सूक्ष्मजीव, मंगल ग्रह की सतह पर लगातार ब्रह्मांडीय और सौर विकिरण के  संपर्क में रहने पर 1.5 मिलियन वर्षों तक जीवित रह सकते है।
  • कोई भी जीव दो प्रकार से विकिरण से बच रह सकता है।
    • सबसे पहले, उनके जीनोम की कई प्रतियां होती हैं, जो विकिरण से क्षतिग्रस्त किसी भी बिट्स के लिए एक बैकअप प्रदान करती है।
    • दूसरा, वे बड़ी मात्रा में मैंगनीज एंटीऑक्सीडेंट जमा करते हैं, जो विकिरण द्वारा बनाए गए हानिकारक अणुओं को पकड़ते हैं।
      • इन अणुओं को पकड़ने से जीव के लिए डीएनए रिपेयर करने वाले प्रोटीन को नुकसान होने से रोकता है।

डीनोकोकस रेडियोड्यूरन

  • डीनोकोकस रेडियोड्यूरन एक एक्स्ट्रीमोफाइल जीवाणु है, इसे विकिरण प्रतिरोधी जीवाणु के रूप में जाना जाता है।
  • यह ठंड, निर्जलीकरण , निर्वात और एसिड से बच सकता है, इसलिए इसे पॉलीएक्स्ट्रीमोफाइल भी कहा जाता है।
  • इसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दुनिया के सबसे कठिन ज्ञात जीवाणु के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
  • डीनोकोकस रेडियोड्यूरन, जिसका उपनाम "कॉनन द बैक्टीरियम" है, दुनिया के सबसे कठिन जीवाणुओं में से एक है, जो किसी भी अन्य ज्ञात जीवन-रूप को मारने में सक्षम विकिरण में भी जीवित रह सकता है।
  • यहां तक कि यह अंतरिक्ष के वैक्यूम में भी वर्षों तक जीवित रह सकता है।
  • हालांकि यह नया शोध जीवाणु की विकिरण प्रतिरोध की ऊपरी सीमा का परीक्षण करने का पहला प्रयास है, जब यह एक निस्संक्रामक अवस्था में होता है।
  • इस परीक्षण के दौरान, रेडियोड्यूरन पर पहले गामा विकिरण और फिर प्रोटॉन विकिरण की बमबारी कर , अंतरिक्ष से आने वाले ब्रह्मांडीय विकिरण और सौर विकिरण की नकल की गयी।
  • इस दौरान शोधकर्ताओं ने पाया कि डीनोकोकस रेडियोड्यूरन एक इंसान के जीवित रहने की तुलना में 28,000 गुना अधिक विकिरण को अवशोषित कर सकता है।
  • डीनोकोकस रेडियोड्यूरन मंगल ग्रह की सतह पर 33 फीट की गहराई में दफनाने पर 280 मिलियन वर्षों तक जीवित रहने में सक्षम होगा।
  • जबकि सतह से 4 इंच (10 सेंटीमीटर) नीचे दफनाने पर इसकी उम्र घटकर 1.5 लाख वर्ष हों जाती है, तथा सतह पर यह सिर्फ कुछ घंटे ही जीवित रह सकता है।

मंगल ग्रह

  • मंगल ग्रह सौरमंडल का दूसरा सबसे छोटा ग्रह है, यह आकार में पृथ्वी का लगभग आधा है।
  • पृथ्वी की तरह, मंगल भी एक स्थलीय धरातल वाला ग्रह है।
  • मंगल को लाल ग्रह कहते हैं, क्योंकि मंगल की मिट्टी के लौह खनिज में ज़ंग लगने की वजह से वातावरण और मिट्टी लाल दिखती है।
  • सौर मंडल के सभी ग्रहों में पृथ्वी के अलावा, मंगल ग्रह पर जीवन होने की संभावना सबसे अधिक है।
  • समान घूर्णन तथा अक्षीय झुकाव के कारण मंगल और पृथ्वी पर ऋतुएँ ज्यादातर एक जैसी है, मंगल पर ऋतुओं की अवधि पृथ्वी की अपेक्षा लगभग दोगुनी है।
    • मंगल ग्रह अपने अक्ष पर 24.6 घंटे में एक घूर्णन पूरा करता है, जो लगभग पृथ्वी के एक दिन (23.9 घंटे) की अवधि के बराबर है।
    • सूर्य की परिक्रमा करने के दौरान मंगल ग्रह अपने अक्ष पर 25 डिग्री तक झुका रहता है, जो कि लगभग पृथ्वी के अक्षीय झुकाव (23.4 डिग्री) के बराबर होता है।
  • मंगल ग्रह पर पृथ्वी की तुलना में मौसम की अवधि लंबी होती है, क्योंकि पृथ्वी की तुलना में मंगल की सूर्य से अधिक दूरी होने के कारण इसका परिक्रमण काल अधिक होता है।
  • मंगल,सूर्य की एक परिक्रमा 687 दिनों में करता है, मंगल का एक वर्ष पृथ्वी के 23 महीनों के बराबर होता है।
  • मंगल का गुरुत्वाकर्षण धरती के गुरुत्वाकर्षण का एक तिहाई है।
    • यदि किसी व्यक्ति का वज़न पृथ्वी पर 100 पौंड हो, तो कम गुरुत्वाकर्षण की वजह से मंगल पर उसका वज़न सिर्फ़ 37 पौंड होगा।
  • मंगल ग्रह के दो चंद्रमा फोबोस और डीमोस हैं।
  • सौरमंडल का सबसे अधिक ऊँचा पर्वत, ओलम्पस मोन्स ( Olympus Mons ) मंगल पर ही स्थित है।

मंगलग्रह से संबंधित मिशन

  • क्युरीआसिटी(नासा)
  • एक्सोमार्स रोवर(यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी),2021
  • तियानवेन-1(चीन ),2021
  • होप मार्स मिशन (UAE),2021
  • भारत का मार्स ऑर्बिटर मिशन (MOM) या मंगलयान,2013
  • वाइकिंग मिशन(नासा),1975
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR