चर्चा में क्यों
हालिया शोध ने माइक्रोसेफली के कारक के रूप में SASS6 जीन की भूमिका को पुष्ट किया है। SASS6 एक प्रोटीन कोडिंग जीन है, जिसे शोधकर्ताओं ने वर्ष 2004 में, राउंडवॉर्म कैनोर्हाडाइटिस एलिगेंस में खोज की थी।

क्या है माइक्रोसेफली?
- यह एक दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल स्थिति है, जिसमें एक शिशु का सिर उसी उम्र और लिंग के अन्य बच्चों के सिर की तुलना में बहुत छोटा होता है।
- माइक्रोसेफली से पीड़ित अधिकांश बच्चों में छोटा मस्तिष्क, दोषपूर्ण मोटर फ़ंक्शन, अस्पष्ट बोल-चाल और असामान्य चेहरे की विशेषताएं होती है साथ ही वे बौद्धिक रूप से अक्षम भी होते हैं।
माइक्रोसेफली होने के कारण क्या हैं?
अधिकांश शिशुओं में माइक्रोसेफली के कारण अज्ञात हैं। हालाँकि, इसके कुछ ज्ञात कारणों में शामिल हैं:
- जीन में उत्परिवर्तन : माइक्रोसेफली 30 जीन में उत्परिवर्तन के कारण होता है।
- सगोत्र विवाह (70% या उससे ज़्यादा मामलों के लिए जिम्मेदार) से व्यक्ति को अपने माता-पिता दोनों से एक जीन की उत्परिवर्तित प्रति विरासत में मिलने का जोखिम बढ़ जाता है।
- ये विवाह निकट संबंधी व्यक्तियों के बीच होते हैं, जैसे चाचा और भतीजी के बीच या चचेरे भाई-बहनों के बीच।
- गर्भावस्था के दौरान जीका, टोक्सोप्लाज्मोसिस, या साइटोमेगालोवायरस आदि का संक्रमण
- गर्भावस्था के दौरान कुपोषण
- जन्म के बाद शिशु में कुपोषण
- शराब या हानिकारक पदार्थों के संपर्क में आना
- बच्चे के विकास के दौरान उसके मस्तिष्क में रक्त की आपूर्ति में समस्या।
निदान : माइक्रोसेफली का निदान गर्भावस्था के दौरान अल्ट्रासाउंड के माध्यम से या बच्चे के जन्म के बाद किया जा सकता है। माइक्रोसेफली एक आजीवन स्थिति है और इसके लिए कोई ज्ञात इलाज या मानक उपचार नहीं है।