वर्तमान में भारत रणनीतिक रूप से महत्त्वपूर्ण अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह पर उन्नत सामरिक बुनियादी ढाँचे का निर्माण कर रहा है।
द्वीपसमूह पर सामरिक ढाँचे की स्थिति
- अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह में 836 द्वीप हैं, जिनमें से केवल 38 पर ही मानव निवास है।
- अंडमान एवं निकोबार कमांड इस द्वीपसमूह में पहली व एकमात्र त्रि-सेवा कमांड है जिसे वर्ष 2001 में स्थापित किया गया था।
- विगत वर्ष चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ जनरल अनिल चौहान ने पोर्ट ब्लेयर में INS उत्क्रोश में एक आधुनिक हैंगर व डिस्पर्सल सिस्टम का उद्घाटन किया था।
- फरवरी 2024 में नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरि कुमार ने कम दृश्यता की स्थिति में विमान को सुरक्षित रूप से उतारने के लिए सटीक क्षैतिज एवं ऊर्ध्वाधर मार्गदर्शन के साथ-साथ एकीकृत अंडरवाटर हार्बर रक्षा तथा निगरानी प्रणाली को सक्षम करने के लिए INS उत्क्रोश में एक प्रिसिजन एप्रोच रडार (PAR) का उद्घाटन किया।
- इसके अतिरिक्त INS कोहासा, INS बाज़ एवं INS कार्डी में नौसेना संचार नेटवर्क केंद्रों का भी उद्घाटन किया गया।
- इसे अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह की संचार व परिचालन क्षमता में वृद्धि के लिए डिज़ाइन किया गया था।
उन्नत बुनियादी ढाँचे की योजना
- उन्नत हवाई क्षेत्रों एवं जेट्टी का निर्माण
- अतिरिक्त रसद एवं भंडारण सुविधाओं व सैनिकों के लिए स्थायी आवास का निर्माण
- बुनियादी ढाँचे के उन्नयन के उद्देश्य से अधिक यातायात के लिए द्वीपों के उत्तर से दक्षिण में पोर्ट ब्लेयर तक सड़क सुधार
- अन्य प्रमुख बुनियादी ढाँचों में लड़ाकू स्क्वाड्रनों को रखने और लंबी अवधि के लिए भारतीय वायुसेना स्टेशन को अपग्रेड करना शामिल है।
- इसमें रनवे को लगभग 3,000 मीटर तक विस्तारित करने और संपत्तियों के रखरखाव के लिए बुनियादी ढाँचे का निर्माण करने की योजना है।
- केंद्र सरकार एक कंटेनर ट्रांसशिपमेंट टर्मिनल के निर्माण पर भी कार्य कर रहा है।
उद्देश्य
- अतिरिक्त सैन्य बलों की तैनाती
- बड़े एवं अधिक युद्धपोतों, विमानों, मिसाइल बैटरी व सैनिकों की तैनाती के लिए सुविधाएँ प्रदान करना
- हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की आक्रामक गतिविधियों को नियंत्रित करना
- चीन ने अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह से 55 किमी. उत्तर में स्थित म्यांमार के कोको द्वीपसमूह पर एक सैन्य सुविधा का निर्माण किया है।