सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड को 'मिनी रत्न' (श्रेणी-1) का दर्जा
चर्चा में क्यों ?
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आजगाजियाबाद परिसर में आयोजित सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (सीईएल) के स्वर्ण जयंती समारोह में कंपनी को "मिनी रत्न" (श्रेणी-1) का दर्जा देने की घोषणा की।
सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड
यह विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान विभाग के अंतर्गत आता है।
स्थापना - वर्ष 1974
इसकी स्थापना देश में राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं और अनुसंधान एवं विकास संस्थानों द्वारा विकसित स्वदेशी प्रौद्योगिकियों का व्यावसायिक रूप से दोहन करने के उद्देश्य से की गई थी।
इसने अनुसंधान एवं विकास प्रयासों और रक्षा प्रयोगशालाओं सहित प्रमुख राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं के साथ घनिष्ठ सहयोग से कई उत्पाद विकसित किए हैं।
सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड ने एक्सल काउंटर सिस्टम भी विकसित किया है जिसका उपयोग ट्रेनों के सुरक्षित संचालन के लिए रेलवे सिग्नलिंग सिस्टम में किया जा रहा है।
महारत्न, नवरत्न तथा मिनीरत्न
केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम (CPSE) को उन्हें होने वाले लाभ और नेट वर्थ के आधार पर तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है –
महारत्न
नवरत्न
मिनीरत्न
मिनीरत्न को मिनीरत्न श्रेणी-I तथा मिनीरत्न श्रेणी-II में वर्गीकृत किया गया है।
महारत्नदर्जा प्राप्त करने के मानदंड
पहले से नवरत्न का दर्जा प्राप्त का प्राप्त हो।
विगत तीन वर्ष का औसत वार्षिक लाभ 5,000 करोड से अधिक हो।
विगत तीन वर्ष की औसत वार्षिक नेट वर्थ 15,000 करोड से अधिक हो।
विगत तीन वर्ष का औसत वार्षिक टर्न ओवर 25,000 करोड से अधिक हो।
महत्वपूर्ण वैश्विक उपस्थिति/अंतर्राष्ट्रीय संचालन होना चाहिए।
SEBI के नियमों के तहत न्यूनतम निर्धारित सार्वजनिक शेयरधारिता के साथ भारतीय स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध हो।
नवरत्न दर्जा प्राप्त करने के मानदंड
पहले से मिनीरत्नश्रेणी-I का दर्जा प्राप्त हो।
विगत पाँच वर्षों में से तीन में समझौता ज्ञापन प्रणाली के तहत बहुत अच्छी या उत्कृष्ट रेटिंग प्राप्त की हो।
निम्नलिखित छह प्रदर्शन मापदंडों में 60 अंक या उससे अधिक का स्कोर प्राप्त किया हो –
प्रति शेयर कमाई-10 अंक
शुद्ध पूंजी और शुद्ध लाभ- 25 अंक
उत्पादन की कुल लागत के सापेक्ष जनशक्ति(Manpower) पर आने वाली लागत-15 अंक
कारोबार पर ब्याज और करों से पहले अर्जित लाभ - 15 अंक
नियोजित पूंजी के लिए मूल्यह्रास, ब्याज और करों से पहले अर्जित लाभ - 15 अंक
अंतर-क्षेत्रीय प्रदर्शन- 20 अंक
मिनीरत्न श्रेणी-I दर्जा प्राप्त करने के मानदंड
विगत तीन वर्षों में निरंतर लाभ अर्जित किया हो।
विगत तीन वर्षों में कम-से-कम एक वर्ष में कर पूर्व 30 करोड़ रूपए या अधिक का लाभ अर्जित किया हो।