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न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP)

प्रारंभिक परीक्षा - न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP)
मुख्य परीक्षा : सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र 3 - प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कृषि सहायता तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित विषय

संदर्भ 

  • हाल ही में, प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) की बैठक में वर्ष 2023-24 के लिए 17 खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया गया।

महत्वपूर्ण तथ्य 

  • खरीफ के मौसम में बोए गए धान के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2,183 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है, यह पिछले साल की तुलना में 143 रुपये प्रति क्विंटल अधिक है।
  • विपणन सत्र 2023-24 के दौरान खरीफ फसलों के लिए MSP में वृद्धि किसानों को उचित पारिश्रमिक मूल्य उपलब्ध कराने के लिए केंद्रीय बजट 2018-19 की अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत के कम से कम 1.5 गुना के स्तर पर MSP तय करने की घोषणा के अनुरूप है।

न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP)

  • MSP का अर्थ मूलतः सरकार द्वारा किसानों को उनकी फसल के लिये दी जाने वाली न्यूनतम मूल्य की गारंटी से होता है। 
    • यह फसल लागत के डेढ़ गुने से अधिक होता है।
  • कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP) की सिफारिशों के आधार पर फसलों के लिए बुवाई के मौसम की शुरुआत में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा की जाती है।
  • गन्ने के लिये न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के स्थान पर 'उचित और लाभकारी मूल्य' (FRP) की घोषणा की जाती है।

न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का निर्धारण

  • MSP का निर्धारण करते समय कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP)  द्वारा तीन प्रकार की उत्पादन लागतों पर विचार किया जाता है -
    1. A2 लागत में किसानों द्वारा बीज, उर्वरक, रसायन, भाड़े पर लिए गए श्रम, ईंधन और सिंचाई आदि पर किए गए सभी भुगतान जिसमें नकद और वस्तु दोनों में शामिल हैं।
    2. A2+FL इसमें A2 के साथ अवैतनिक पारिवारिक श्रम का अनुमानित मूल्य भी शामिल किया जाता है।
    3. C2 लागत में A2+FL के साथ स्वामित्त्व वाली भूमि और अचल संपत्ति के किराए तथा ब्याज को भी शामिल किया जाता है।
  • न्यूनतम समर्थन मूल्य के संबंध में सिफारिशें तैयार करते समय CACP द्वारा उत्पादन की लागत के अतिरिक्त, निम्नलिखित कारकों को ध्यान में रखा जाता है -  
    • इनपुट कीमतों में बदलाव
    • इनपुट-आउटपुट मूल्य समानता
    • बाजार की कीमतों में रुझान
    • मांग और आपूर्ति
    • अंतर-फसल मूल्य समानता
      • औद्योगिक लागत संरचना पर प्रभाव
    • जीवन यापन की लागत पर प्रभाव
    • सामान्य मूल्य स्तर पर प्रभाव
    • अंतर्राष्ट्रीय मूल्य स्थिति
    • भुगतान की गई कीमतों और किसानों द्वारा प्राप्त कीमतों के बीच समानता।
    • जारी कीमतों पर प्रभाव और सब्सिडी के लिए प्रभाव
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