(प्रारंभिक परीक्षा- भारत का इतिहास)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-1 : भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से आधुनिक काल तक के कला के रूप, साहित्य और वास्तुकला के मुख्य पहलू)
चर्चा में क्यों
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के अनुसार, हरियाणा के हिसार ज़िले में स्थित 5,000 वर्ष पुराने हड़प्पा कालीन स्थल- राखीगढ़ी के नवीनतम उत्खनन के दौरान कुछ भवनों, गलियों और जलनिकासी प्रणालियों की संरचना का पता चला है।
प्रमुख बिंदु
- राखीगढ़ी के सात में से तीन टीलों पर जारी उत्खनन के दौरान मिट्टी के हजारों बर्तन और मुहरों के अतिरिक्त तांबे व सोने के आभूषण और टेराकोटा के खिलौने प्राप्त हुए हैं।
- इस उत्खनन का उद्देश्य राखीगढ़ी की बसावट के साथ-साथ सातों टीलों की अलग-अलग विशेषताओं एवं उनके अंतर्संबंध को समझना है।
उत्खनन में प्राप्त वस्तुएँ
- यहाँ के एक श्मशान स्थल से पाए गए महिलाओं के दो कंकालों के डी.एन.ए. (DNA) नमूने वैज्ञानिक जांच के लिये भेजे गए हैं। इन कंकालों के सिर उत्तर दिशा की ओर पाए गए हैं और इनके साथ मिट्टी के बर्तनों में आभूषणों व चूड़ियों को भी दफनाया गया था।
- साथ ही, यहाँ से कुत्ते एवं बैल की पशु मूर्तियाँ, टेराकोटा और स्टीटाइट से बनी मूर्तियाँ एवं माला, तांबे की वस्तुएँ, अर्ध-कीमती पत्थरों के मोती, एगेट और कारेलियन से बनी वस्तुएँ भी प्राप्त हुई हैं।
राखीगढ़ी
- हड़प्पाकालीन यह स्थल हरियाणा के हिसार जिले में अवस्थित है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने पहली बार वर्ष 1998-2001 में इस स्थल पर उत्खनन कार्य किया था। कुछ साक्ष्यों से पता चलता है कि यह स्थल एक बहुत ही महत्त्वपूर्ण व्यापार केंद्र रहा होगा।
- उल्लेखनीय है कि फ़रवरी 2020 के बजट में राखीगढ़ी को पांच प्रतिष्ठित स्थलों की सूची में शामिल किया गया। इन स्थलों में हस्तिनापुर (उत्तर प्रदेश), शिवसागर (असम), धोलावीरा (गुजरात) और आदिचनल्लूर (तमिलनाडु) भी शामिल हैं।