संदर्भ
हाल ही में, कुपोषण से निपटने के लिये भारत सरकार ने मिशन पोषण 2.0 की शुरुआत की। दरअसल, इसकी घोषणा वित्त मंत्री द्वारा वर्ष 2021-22 के बज़ट भाषण में की गई थी।
मिशन पोषण 2.0
- मिशन पोषण 2.0 को ‘पूरक पोषण कार्यक्रम’ और ‘पोषण अभियान’ के विलय के साथ प्रारंभ किया गया है।
- इसके अंतर्गत देश के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को पोषण युक्त भोजन उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे उन्हें कुपोषण से बचाया जा सके।
- इस योजना का उद्देश्य भारत को वर्ष 2022 तक कुपोषण मुक्त करना है।
- इस योजना से 10 करोड़ बच्चों और महिलाओं को लाभान्वित किया जाएगा।
- साथ ही, उन परिवारों की भी मदद की जाएगी, जो आर्थिक रूप से कमज़ोर हैं तथा अपने बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं को पोषणयुक्त आहार उपलब्ध नहीं करा सकते हैं।
- ‘राष्ट्रीय पोषण मिशन’ के अंतर्गत पोषण संसाधन खोले जाएंगे।
- रक्ताल्पता से पीड़ित बच्चों व गर्भवती महिलाओं को भी इस मिशन के तहत सही खान-पान और देखरेख की सुविधा उपलब्ध करायी जाएगी।
- इस योजना के अंतर्गत् मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में भी कमी लाना शामिल है।
राष्ट्रीय पोषण मिशन (National Nutrition Mission- NNM)
- भारत सरकार के द्वारा कुपोषण को दूर करने के लिये चरणबद्ध तरीके से पोषण कार्यक्रम की शुरुआत वर्ष 2018 में की गई थी।
- 0 से 6 वर्ष के बच्चों एवं गर्भवती तथा धात्री माताओं के स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर में समयबद्ध तरीके से सुधार के लिये महत्त्वाकांक्षी राष्ट्रीय पोषण मिशन (National Nutrition Mission- NNM) को शुरू किया गया है।
मिशन का उद्देश्य एवं लक्ष्य
- 0.6 वर्ष के बच्चों का बौनेपन से बचाव और इसमें कुल 6% की (प्रतिवर्ष 2% की दर से) कमी लाना।
- 0-6 वर्ष के बच्चों का कुपोषण से बचाव और इसमें कुल 6% की (प्रतिवर्ष 2% की दर से) कमी लाना।
- 6-59 माह के बच्चों में रक्ताल्पता के प्रसार में कुल 9% की (प्रतिवर्ष 3% की दर से) कमी लाना।
- 15-49 वर्ष की किशोरियों, गर्भवती एवं धात्री माताओं में रक्ताल्पता के प्रसार में कुल 9% की (प्रतिवर्ष 3% की दर से) कमी लाना।
- कम वज़न के साथ जन्म लेने वाले बच्चों की संख्या में कुल 6% की (प्रतिवर्ष 2% की दर से) कमी लाना।
मिशन 2.0 की कार्य-प्रणाली
- इस योजना से संबंधित सूचना के लिये एक सॉफ्टवेयर को तैयार किया जाएगा।
- सभी महिला कर्मचारियों को एक-एक स्मार्ट फ़ोन तथा सुपरवाइज़रों को टेबलेट दिया जाएगा।
- सभी आँगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों के कद की सही जानकारी संग्रह करने के लिये इन्फैंटोमीटर और स्टेडियोमीटर दिया जाएगा।
- बजट की कमी का पता लगाने के लिये कर्मचारी महिलाएँ प्रत्येक महीने बच्चों के वज़न के आँकड़े सॉफ्टवेयर पर अपलोड करके योजना का निर्माण करेंगी।
- विकास में रुकावट और बौनेपन का पता लगाने के लिये कर्मचारी महिलाएँ हर तीसरे महीने लंबाई /ऊँचाई के आँकड़ों को सॉफ्टवेयर पर अपलोड करके योजना का निर्माण करेंगी।