चर्चा में क्यों
हाल ही में, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने 'मिशन शक्ति' योजना के लिये विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये हैं।
प्रमुख बिंदु
- सरकार ने 15वें वित्त आयोग की अवधि के लिये (वर्ष 2021-22 से 2025-26 के दौरान) कार्यान्वयन के लिये महिलाओं की सुरक्षा, संरक्षा और सशक्तिकरण के लिये छत्रक योजना के रूप में 'मिशन शक्ति' नाम से एक एकीकृत महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम शुरू किया है।
- यह योजना महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने, हिंसा-मुक्त वातावरण में मस्तिष्क और शरीर संबंधी स्वतंत्र निर्णय लेने के लिये प्रेरित करेगी।
- साथ ही, महिलाओं पर देखभाल के बोझ को कम करने और कौशल विकास, क्षमता निर्माण, वित्तीय साक्षरता, सूक्ष्म ऋण तक पहुँच आदि को बढ़ावा देकर महिला श्रमबल की भागीदारी को बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा।
- मिशन शक्ति की दो उप-योजनाएँ- ‘संबल’ और ‘सामर्थ्य’ हैं।
उप-योजनाएँ
संबल
- यह उप-योजना महिलाओं की सुरक्षा से संबंधित है। इसके घटकों में नारी अदालतों (Nari Adalats) के एक नए घटक के साथ वन स्टॉप सेंटर, महिला हेल्पलाइन, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की पूर्ववर्ती योजनाएँ शामिल हैं।
- यह समाज और परिवार के भीतर वैकल्पिक विवाद समाधान एवं लैंगिक न्याय को बढ़ावा देने का कार्य करेगी।
सामर्थ्य
- यह उप-योजना महिला सशक्तिकरण से संबंधित है। इसके घटकों में उज्ज्वला, स्वाधार गृह और कामकाजी महिला छात्रावास की पूर्ववर्ती योजनाओं को संशोधनों के साथ शामिल किया गया हैं।
- इसके अलावा, राष्ट्रीय क्रेच योजना और प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की मौजूदा योजनाओं को अब सामर्थ्य में शामिल किया गया हैं। साथ ही, इसमें आर्थिक सशक्तिकरण के लिये गैप फंडिंग का एक नया घटक भी जोड़ा गया है।