चर्चा में क्यों
हाल ही में, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने मिशन वात्सल्य योजना के लिये विस्तृत दिशानिर्देश जारी किये हैं, जो 1 अप्रैल, 2022 से लागू होंगे।
प्रमुख बिंदु
- मंत्रालय ने अपने दिशानिर्देशों में कहा है कि राज्यों को इस योजना की ब्रांडिंग के संबंध में भारत सरकार द्वारा जारी किसी भी "दिशानिर्देशों/निर्देशों" का पालन करना होगा।
- केंद्रीय धन और लाभों का उपयोग करने के लिये, राज्यों को योजना का आधिकारिक नाम बनाए रखना होगा। योजना के नाम को केवल स्थानीय भाषा में सही अनुवाद की अनुमति दी गई है।
- दिशानिर्देशों के तहत, राज्य सरकारों द्वारा प्रत्येक बाल देखभाल संस्थानों को निश्चित अंतराल पर ग्रेड देना होगा। यह ग्रेडिंग बुनियादी ढाँचे, सेवाओं की गुणवत्ता, बच्चों के देखभाल (विशेष रूप से स्वास्थ्य और शिक्षा), बच्चों के पुनर्वास आदि के आधार पर की जाएगी।
योजना के उद्देश्य
- महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने बच्चों के कल्याण और पुनर्वास के लिये वर्ष 2009-10 से एक केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में 'मिशन वात्सल्य' अर्थात् बाल संरक्षण सेवा योजना को शुरू किया है।
- इस योजना का उद्देश्य भारत में प्रत्येक बच्चे के स्वस्थ एवं खुशहाल बचपन को सुनिश्चित करना, पूर्ण क्षमता का पता लगाने के लिये अवसर प्रदान करना, समग्र विकास में सहायता करना है।
- साथ ही, एक संवेदनशील एवं समर्थनकारी पारितंत्र को स्थापित करना है, ताकि बच्चों का पूर्ण विकास सुनिश्चित किया जा सकें।
- इसके अतिरिक्त, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को किशोर न्याय अधिनियम 2015 के अनुरूप सुविधा प्रदान करना तथा सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायता करना है।
योजना के घटक
- संवैधानिक निकायों के कामकाज में सुधार लाना,
- सेवा वितरण संरचनाओं को सुदृढ़ बनाना,
- संस्थागत देखभाल और सेवाओं के स्तर में वृद्धि करना,
- गैर-संस्थागत समुदाय आधारित देखभाल को प्रोत्साहित करना,
- आपात स्थिति में पहुँच उपलब्ध कराना,
- प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण आदि।