प्रारंभिक परीक्षा
(राष्ट्रीय घटनाक्रम, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी)
मुख्य परीक्षा
(सामान्य अध्ययन प्रश्नप्रत्र-3: प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास, जैव विविधता, पर्यावरण, सुरक्षा तथा आपदा प्रबंधन)
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संदर्भ
प्रधानमंत्री ने भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के 150वें स्थापना दिवस के अवसर पर ‘मिशन मौसम’ की शुरुआत की। साथ ही, आई.एम.डी. विज़न-2047 दस्तावेज़ भी जारी किया गया जो मौसम लचीलापन एवं जलवायु परिवर्तन अनुकूलन के लिए रणनीतिक रूपरेखा पर आधारित है।
मिशन मौसम से संबंधित तथ्य
- घोषणा : केंद्रीय कैबिनेट द्वारा सितंबर 2024 में
- लांच : 14 जनवरी, 2025
- कार्यान्वयन अवधि : वर्ष 2024-2026 के मध्य
- समयावधि : दो वर्ष
- बजटीय आवंटन : दो हजार करोड़ रूपए
- लक्ष्य : मौसम की हर परिस्थिति के लिए तैयार रहना एवं भारत को एक जलवायु स्मार्ट राष्ट्र बनाना
- नोडल एजेंसी : पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तीन प्रमुख संस्थान-
- भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD)
- राष्ट्रीय मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र (NCMRWF)
- भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (IITM)
मिशन मौसम के मुख्य उद्देश्य
- अत्याधुनिक मौसम निगरानी प्रौद्योगिकी एवं प्रणालियों का विकास : इसके अंतर्गत हाई रिजल्यूशन वाले वायुमंडलीय अवलोकन स्टेशनों के एक मजबूत नेटवर्क की स्थापना, अगली पीढ़ी के रडार एवं उपग्रहों की स्थापना और उन्नत मौसम मॉडलिंग के लिए हाई परफोर्मेंस कंप्यूटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का अधिग्रहण आदि अत्याधुनिक प्रणालियाँ शामिल है।
- पूर्वानुमान की सटीकता में सुधार : इस मिशन का उद्देश्य उन्नत तकनीकों का लाभ उठाकर मौसम पूर्वानुमानों की सटीकता में उल्लेखनीय सुधार करना है जिससे चक्रवात, बाढ़, सूखा एवं हीटवेव जैसी चरम मौसम की घटनाओं के लिए अधिक प्रभावी प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली का विकास किया जा सके।
- जलवायु परिवर्तन अनुकूलन : यह मिशन भारत को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के अनुकूल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसमें जलवायु परिवर्तन अनुमानों को विकसित करना, जलवायु जोखिमों का आकलन करना और कृषि, जल संसाधन एवं आपदा प्रबंधन सहित अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों को जलवायु सूचना सेवाएँ प्रदान करना शामिल है।
- क्षेत्रीय सहयोग : यह मिशन जलवायु अनुसंधान में क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस संदर्भ में आई.एम.डी. द्वारा पाकिस्तान, मालदीव, अफगानिस्तान, भूटान, श्रीलंका एवं नेपाल जैसे पड़ोसी देशों के मौसम विज्ञानियों और जलवायु वैज्ञानिकों को विभिन्न कार्यक्रमों व ज्ञान-साझाकरण पहलों में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है।
- उच्च प्रदर्शन वाले कंप्यूटर (HPC) का कार्यान्वयन : इस मिशन के तहत अत्याधुनिक कंप्यूटिंग प्रणालियों का उपयोग किया जाएगा जिसमें मौसम संबंधी डाटा को कुशलतापूर्वक संसाधित करना, जटिल जलवायु मॉडल और सिमुलेशन आदि शामिल है।
- मौसम और जलवायु प्रक्रियाओं की बेहतर समझ : यह मिशन अनुसंधान एवं विकास में निवेश करके वायुमंडलीय घटनाओं के प्रति नई अंतर्दृष्टि का विकास करके पूर्वानुमान क्षमताओं में सुधार पर केंद्रित है।
- वायु गुणवत्ता निगरानी : इसके तहत मौसम प्रबंधन एवं पर्यावरणीय हस्तक्षेप के लिए दीर्घकालिक रणनीति बनाने के उद्देश्य से वायु गुणवत्ता डाटा उपलब्ध कराना शामिल है।
IMD विजन-2047: दस्तावेज
यह व्यापक दस्तावेज भारत की मौसम एवं जलवायु सेवाओं को अधिक मजबूत करने के दीर्घकालिक लक्ष्यों व रणनीतियों को रेखांकित करता है। इस विजन के प्रमुख पहलुओं में शामिल हैं :
- सार्वजनिक-निजी भागीदारी में वृद्धि : IMD द्वारा मौसम एवं जलवायु विज्ञान को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से विशेषज्ञता तथा संसाधनों का लाभ उठाने के लिए निजी क्षेत्र की संस्थाओं, अनुसंधान संस्थानों व शिक्षाविदों के साथ मजबूत सहयोग को बढ़ावा देना
- मानव संसाधन को मजबूत बनाना : प्रतिभाशाली वैज्ञानिकों एवं प्रौद्योगिकीविदों को आकर्षित करके और उन्हें बनाए रखकर तथा उन्हें उन्नत प्रशिक्षण व कौशल विकास के अवसर प्रदान करके मानव पूंजी में निवेश करने के महत्व पर जोर देना
- नवाचार व अनुसंधान को बढ़ावा देना : आई.एम.डी. द्वारा मौसम पूर्वानुमान व क्लाइमेट मॉडलिंग को बेहतर बनाने के लिए ए.आई., मशीन लर्निंग एवं डाटा साइंस जैसे क्षेत्रों में अनुसंधान व विकास को सक्रिय रूप से प्रोत्साहित करने में सहायता करना
- वैश्विक सहयोग का विस्तार करना : वैश्विक मौसम एवं जलवायु ज्ञान को बढ़ाने और जलवायु परिवर्तन को संबोधित करने के अंतरराष्ट्रीय प्रयासों में योगदान के लिए अंतरराराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने पर ध्यान देना
- मौसम पूर्वानुमान : चरम मौसम की घटनाओं के प्रभाव को कम करने के उद्देश्य से सटीक एवं स्थानीयकृत मौसम पूर्वानुमान प्रदान करने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग करना
- मौसम प्रबंधन : आपदा तैयारी एवं प्रतिक्रिया तंत्र सहित मौसम संबंधी जोखिमों के सक्रिय प्रबंधन के लिए रूपरेखा विकसित करना
- जलवायु परिवर्तन शमन : ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन को कम करने और विभिन्न क्षेत्रों में संधारणीय प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए रणनीति तैयार करना
मिशन मौसम और IMD विजन-2047 का महत्व
- यह जलवायु परिवर्तन एवं चरम मौसम की घटनाओं से उत्पन्न चुनौतियों का समाधान करने के लिए सरकार के एक सक्रिय दृष्टिकोण को दर्शाता है। इनके माध्यम से भारत का लक्ष्य अपनी पूर्वानुमान क्षमताओं को बढ़ाना, आपदा की तैयारी में सुधार करना एवं सतत विकास को बढ़ावा देना है।
- इन पहलों से न केवल जीवन और संपत्ति की सुरक्षा में बल्कि कृषि, जल संसाधन व सार्वजनिक स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों को समर्थन देने में भी दूरगामी प्रभाव भी होंगे, जो मौसम एवं जलवायु के प्रभावों से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD)
- परिचय : मौसम विज्ञान एवं संबद्ध विषयों से संबंधित सभी मामलों के लिए प्रमुख सरकारी एजेंसी
- स्थापना : वर्ष 1875
- मंत्रालय : पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय
- प्रमुख कार्य :
- मौसम संबंधी वर्तमान एवं पूर्वानुमान जानकारी प्रदान करना
- कृषि, जल संसाधन प्रबंधन, उद्योग, तेल अन्वेषण एवं राष्ट्र निर्माण की अन्य गतिविधियों के लिए मौसम संबंधी आवश्यक आंकड़े उपलब्ध कराना
- उष्णकटिबंधीय चक्रवातों, नॉरवेस्टर, धूल के तूफान, भारी वर्षा एवं बर्फबारी, ग्रीष्म व शीत लहर आदि जैसी गंभीर घटनाओं के प्रति चेतावनी देना
- मौसम विज्ञान और संबद्ध विषयों में अनुसंधान का संचालन व संवर्धन करना
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