New
IAS Foundation Course (Prelims + Mains): Delhi & Prayagraj | Call: 9555124124

मियावाकी विधि

चर्चा में क्यों ?

  • हाल ही में छत्तीसगढ़ वन विभाग ने मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में मियावाकी पद्धति से पौधे लगाकर वन महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया।

मियावाकी विधि 

  • यह वनरोपण की एक विशेष पद्धति है
  • इसे अकीरा मियावाकी नामक जापान के एक वनस्पतिशास्त्री ने विकसित किया है। 
  • इसमें छोटे-छोटे स्थानों पर छोटे-छोटे पौधे रोपे जाते हैं, जो साधारण पौधों की तुलना में दस गुनी तेज़ी से बढ़ते हैं।
  • वर्ष 2014 में मियावाकी ने इसी पद्धति का प्रयोग करते हुए हिरोशिमा के समुद्री तट के किनारे पेड़ों की एक दीवार खड़ी कर दी थी
  • इससे न सिर्फ शहर को सुनामी से होने वाले नुकसान से बचाया जा सका था, बल्कि दुनिया के सामने एक उदाहरण भी पेश किया गया कि किस प्रकार हम इन विशेष तकनीकों के माध्यम से बड़े खतरों को रोक सकते हैं।
  • इस तकनीक में 2 फीट चौड़ी और 30 फीट लम्बी पट्टी में 100 से भी अधिक पौधे रोपे जा सकते हैं।
  • पौधे पास-पास लगाने से उन पर मौसम की मार का विशेष असर नहीं पड़ता और गर्मियों के दिनों में भी पौधों के पत्ते हरे बने रहते हैं। 
  • कम स्थान में लगे पौधे एक ऑक्सीजन बैंक की तरह काम करते हैं और बारिश को आकर्षित करने में भी सहायक होते हैं।
  • एक प्राकृतिक वन को विकसित होने में 100 साल लगते हैं। 
    • मियावाकी पद्धति में, पौधों को सूर्य के प्रकाश के लिये प्रतिस्पर्धा करनी पड़ती है अतः इस पद्धति में पौधे 10 गुना तेज़ी से बढ़ते हैं

प्रश्न  - मियावाकी विधि किससे संबंधित है ?

(a) जल संरक्षण 

(b) मृदा संरक्षण 

(c) मरुस्थल प्रसार की रोकथाम 

(d) वनरोपण

« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR