New
GS Foundation (P+M) - Delhi: 20 Jan, 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 5 Jan, 10:30 AM Call Our Course Coordinator: 9555124124 GS Foundation (P+M) - Delhi: 20 Jan, 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 5 Jan, 10:30 AM Call Our Course Coordinator: 9555124124

आदर्श कारागार अधिनियम, 2023

प्रारम्भिक परीक्षा - आदर्श कारागार अधिनियम, 2023
मुख्य परीक्षा : सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 – सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय

सन्दर्भ 

  • हाल ही में, केंद्र सरकार द्वारा जेल अधिनियम, 1894 को बदलने के लिए एक आदर्श कारागार अधिनियम तैयार किया गया।

महत्वपूर्ण तथ्य 

  • वर्तमान 'कारागार अधिनियम, 1894' आज़ादीपूर्व का अधिनियम है और लगभग 130 वर्ष पुराना है। 
  • यह अधिनियम मुख्य रूप से अपराधियों को हिरासत में रखने और जेलों में अनुशासन और व्यवस्था लागू करने पर केंद्रित है और इसमें कैदियों के सुधार और पुनर्वास का कोई प्रावधान नहीं है।
  • भारतीय संविधान के अनुसार, 'कारागार'/ 'हिरासत में लिए गए व्यक्ति' 'राज्य सूची के विषय हैं। 
  • जेल प्रबंधन और कैदियों के प्रशासन की जिम्मेदारी पूरी तरह से राज्य सरकारों की है जो स्वयं इस संबंध में वैधानिक प्रावधान बनाने में सक्षम हैं। 
  • हालांकि, आपराधिक न्याय प्रणाली में कुशल जेल प्रबंधन की महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए, केंद्र सरकार इस संबंध में राज्यों/संघशासित प्रदेशों की सहायता करती है।
  • गृह मंत्रालय ने कारागार अधिनियम, 1894 के संशोधन का ज़िम्मा पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो (BPR&D) को सौंपा।
    • BPR&D ने राज्य कारागार प्रशासन, सुधार विशेषज्ञों आदि से विस्तृत विचार विमर्श के बाद आदर्श कारागार अधिनियम का एक प्रारूप तैयार किया है।
  • यह राज्यों के लिए मार्गदर्शक दस्तावेज के रूप में कार्य करेगा।
  • राज्य सरकारें और केंद्रशासित प्रदेश ‘आदर्श कारागार अधिनियम, 2023’ में अपनी ज़रूरत के अनुसार संशोधन करके लागू कर सकते हैं।
  • इसके साथ ही गृह मंत्रालय द्वारा 'कैदी अधिनियम, 1900' और 'कैदियों का स्थानांतरण अधिनियम, 1950' की भी समीक्षा की गई है और इन अधिनियमों के प्रासंगिक प्रावधानों को 'आदर्श कारागार अधिनियम, 2023' में शामिल किया गया है। 

आदर्श कारागार अधिनियम, 2023 की प्रमुख विशेषताएं

  • सुरक्षा मूल्यांकन और कैदियों को अलग-अलग रखने, वैयक्तिक सजा योजना बनाने के लिए प्रावधान।
  • शिकायत निवारण, कारागार विकास बोर्ड, बंदियों के प्रति व्यवहार में परिवर्तन।
  • महिला कैदियों, ट्रांसजेंडर आदि को अलग रखने का प्रावधान।
  • कारागार प्रशासन में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से प्रौद्योगिकी के उपयोग का प्रावधान।
  • अदालतों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, जेलों में वैज्ञानिक और तकनीकी पहल आदि का प्रावधान।
  • जेलों में प्रतिबंधित वस्तुओं जैसे मोबाइल फोन आदि का प्रयोग करने वाले बंदियों एवं जेल कर्मचारियों के लिए दण्ड का प्रावधान।
  • उच्च सुरक्षा जेल, ओपन जेल (ओपन और सेमी ओपन), आदि की स्थापना एवं प्रबंधन के संबंध में प्रावधान।
  • खूंखार और आदतन अपराधियों की आपराधिक गतिविधियों से समाज को बचाने का प्रावधान।
  • कैदियों को कानूनी सहायता प्रदान करने, अच्‍छे आचरण को बढ़ावा देने के लिए पैरोल, फर्लो और समय से पहले रिहाई आदि के लिए प्रावधान।
  • कैदियों के व्यावसायिक प्रशिक्षण और कौशल विकास और उन्हें समाज से दोबारा जोड़ने पर बल देना।
  • आदर्श कारागार अधिनियम, 2023' का उद्देश्य जेल प्रबंधन में सुधार करना और कैदियों को कानून का पालन करने वाले नागरिकों में बदलकर समाज में उनका पुनर्वास सुनिश्चित करना है।
  • नए कारागार अधिनियम में महिलाओं और ट्रांसजेंडर कैदियों की सुरक्षा पर अधिक जोर दिया जाएगा, इस अधिनियम से जेल प्रबंधन में पारदर्शिता आएगी और कैदियों के सुधार और पुनर्वास का प्रावधान किया जाएगा।
  • नए अधिनियम में कैदियों के व्यावसायिक प्रशिक्षण, कौशल विकास और समाज में उनके पुनर्स्थापन पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR