नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने 9 अगस्त, 2024 को ‘पीएम-सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना’ के अंतर्गत 'मॉडल सौर गाँव' के कार्यान्वयन के लिए योजना दिशानिर्देशों को अधिसूचित किया है।
नवीनतम दिशा-निर्देश
- ‘पीएम-सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना’ के घटक 'मॉडल सौर गाँव' के अंतर्गत देश के हर जिले में एक मॉडल सौर गाँव बनाने पर बल दिया गया है।
- लक्ष्य : सौर ऊर्जा को अपनाने को बढ़ावा देना और ग्रामीण समुदायों को अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में आत्मनिर्भर बनाना।
- वित्त : इस घटक के लिए कुल 800 करोड़ रुपए के वित्तीय परिव्यय का आवंटन
- इसमें से चयनित किए गए प्रत्येक मॉडल सौर गाँव को एक करोड़ रुपए प्रदान किए जाएंगे।
- चयन प्रक्रिया :
- प्रतिस्पर्धा में शामिल गाँव को 5,000 (विशेष श्रेणी के राज्यों के लिए 2,000) से अधिक आबादी वाला राजस्व गाँव होना चाहिए।
- चयन प्रक्रिया में एक प्रतिस्पर्धी मोड शामिल है जिसमें गांवों का मूल्यांकन जिला स्तरीय समिति द्वारा संभावित उम्मीदवारी की घोषणा के 6 महीने में उनकी समग्र वितरित नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता के आधार पर किया जाता है।
- प्रत्येक जिले में सबसे अधिक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता वाले विजेता गाँव को एक करोड़ रुपए का केंद्रीय वित्तीय सहायता अनुदान दिया जाएगा।
- इस योजना का कार्यान्वयन जिला स्तरीय समिति की देखरेख में राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी द्वारा किया जाएगा।
पीएम-सूर्य घर: मुफ़्त बिजली योजना
- भारत सरकार ने 29 फरवरी, 2024 को पीएम-सूर्य घर: मुफ़्त बिजली योजना को मंज़ूरी दी है।
- इसका उद्देश्य सौर रूफटॉप क्षमता की हिस्सेदारी बढ़ाना और आवासीय घरों को बिजली उत्पन्न करने के लिए सशक्त बनाना है।
- इस योजना का परिव्यय 75,021 करोड़ रुपए है और इसे वित्त वर्ष 2026-27 तक लागू किया जाएगा।
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