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Monetary Policy (मौद्रिक नीति)

  • Monetary Policy का अर्थ है – किसी देश के केंद्रीय बैंक (Central Bank) द्वारा किए गए वे उपाय, जिनका उद्देश्य देश में मुद्रा की आपूर्ति (money supply), ब्याज दरों (interest rates) और तरलता (liquidity) को नियंत्रित करना होता है ताकि:
    • मूल्य स्थिरता (price stability) बनी रहे और
    • सतत आर्थिक वृद्धि (sustainable economic growth) को बढ़ावा मिले।
  • भारत में यह कार्य भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India - RBI) द्वारा किया जाता है।

कानूनी ढांचा

  • भारत की मौद्रिक नीति का संचालन भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 (RBI Act, 1934) के तहत किया जाता है।2016 में संशोधन (Amendment) के बाद, दो प्रमुख बदलाव किए गए:
  • मौद्रिक नीति समिति(Monetary Policy Committee (MPC) ) का गठन
  • Inflation Targeting – मुद्रास्फीति लक्ष्य निर्धारण को नीति का मुख्य उद्देश्य बनाया गया

मुद्रास्फीति लक्ष्य निर्धारण ढांचा

  • भारत में Flexible Inflation Targeting (FIT) प्रणाली अपनाई गई है। इसका उद्देश्य है – उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (Consumer Price Index - CPI) आधारित मुद्रास्फीति को एक निर्धारित लक्ष्य पर बनाए रखना।
  • वर्तमान लक्ष्य (As per Current Mandate):
    • 4% की CPI मुद्रास्फीति दर
    • सहनशीलता सीमा: ±2% (यानी 2% से 6% के बीच स्वीकार्य)
    • यह लक्ष्य मार्च 2026 तक मान्य है
    • इसे भारत सरकार और RBI द्वारा संयुक्त रूप से निर्धारित किया गया है

मौद्रिक नीति के उपकरण

  • Monetary Policy Tools यानी ऐसे उपाय जिनके माध्यम से RBI देश में मुद्रा की मात्रा (money supply), ब्याज दरें (interest rates) और ऋण प्रवाह (credit flow) को नियंत्रित करता है।
  • यह दो श्रेणियों में बाँटे गए हैं:
    • Quantitative (General) Instruments – मात्रात्मक (सामान्य) उपकरण:-ये उपकरण समग्र अर्थव्यवस्था में नकदी और ऋण (liquidity and credit) के स्तर को प्रभावित करते हैं। ये अप्रत्यक्ष (indirect) होते हैं।

उपकरण / Tool

अर्थ

संक्षिप्त व्याख्या

Repo Rate (रेपो दर)

वह दर जिस पर RBI बैंकों को अल्पकालिक ऋण देता है

महंगाई बढ़ने पर RBI इसे बढ़ाता है जिससे बैंक कर्ज महंगा करते हैं

Reverse Repo Rate

वह दर जिस पर RBI बैंकों से पैसा उधार लेता है

इससे बैंकों को अपना अतिरिक्त पैसा RBI में रखने में प्रोत्साहन मिलता है

Bank Rate

RBI द्वारा दी जाने वाली दीर्घकालिक (long-term) ऋण पर ब्याज दर

रेपो दर से अलग, यह लंबी अवधि के ऋण पर लागू होती है

CRR (Cash Reserve Ratio)

बैंकों को अपनी कुल जमा राशि का एक हिस्सा RBI के पास नकद में रखना होता है

इससे बाजार में नकदी की मात्रा नियंत्रित होती है

SLR (Statutory Liquidity Ratio)

बैंकों को एक निश्चित प्रतिशत गोल्ड, सरकारी बॉन्ड, नकदी के रूप में रखना होता है

यह बैंक की तरलता और सुरक्षा सुनिश्चित करता है

OMO (Open Market Operations)

RBI द्वारा सरकारी प्रतिभूतियों (Govt. Securities) की खरीद-बिक्री

नकदी बढ़ानी हो तो खरीद, घटानी हो तो बिक्री करता है

MSF (Marginal Standing Facility)

बैंक जरूरत पड़ने पर आपातकालीन ऋण RBI से ले सकते हैं

यह बैंकिंग प्रणाली की स्थिरता बनाए रखने में मदद करता है

गुणात्मक (चयनात्मक) उपकरण

  • इनका उद्देश्य होता है – विशिष्ट क्षेत्रों में ऋण प्रवाह (credit flow to specific sectors) को दिशा देना या नियंत्रित करना।

उपकरण / Tool

अर्थ

संक्षिप्त व्याख्या

Credit Rationing (ऋण सीमांकन)

कुछ क्षेत्रों को सीमित मात्रा में ऋण देना

जैसे – सट्टा क्षेत्र या अचल संपत्ति में

Margin Requirements

उधार के लिए संपत्ति के मूल्य पर न्यूनतम मार्जिन तय करना

इससे अटकलबाज़ी (speculation) को रोका जाता है

Moral Suasion (नैतिक दबाव)

RBI बैंकों से सुझाव या आग्रह करता है

जैसे – बैंक कम ब्याज पर कृषि ऋण दें

Direct Action (प्रत्यक्ष कार्रवाई)

RBI द्वारा नियमों का उल्लंघन करने वाले बैंकों के विरुद्ध कार्रवाई करना

जुर्माना लगाना, लाइसेंस रद्द करना आदि

Regulation of Consumer Credit

उपभोक्ताओं को दिये जाने वाले ऋण की शर्तें तय करना

EMI, ब्याज दर आदि को नियंत्रित करना

Sterilization (स्थिरीकरण प्रक्रिया)

  • जब विदेशी पूंजी प्रवाह (capital inflows) के कारण देश में अधिक नकदी आ जाती है, तो RBI इसे संतुलित करने के लिए Sterilization करता है। इसमें ये उपकरण प्रयोग होते हैं:
    • CRR
    • OMO
    • Market Stabilization Scheme (MSS)
  • इसका उद्देश्य: अतिरिक्त नकदी को अवशोषित करना (absorb excess liquidity) ताकि महंगाई न बढ़े।

मौद्रिक नीति के प्रकार

विस्तारवादी मौद्रिक नीति(Expansionary Monetary Policy)

  • Used to stimulate economic activity:-आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रयोग की जाती है।
  • RBI reduces Repo Rate, CRR, SLR, and Bank Rate:- भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) रेपो रेट, सीआरआर, एसएलआर और बैंक रेट को कम करता है।
  • Conducts OMO purchases to inject liquidity:-बाज़ार में नकदी (liquidity) बढ़ाने के लिए खुले बाजार में सरकारी बॉन्ड की ख़रीद करता है (Open Market Operations)।
  • Loans become cheaper, encouraging borrowing and investment:-ऋण सस्ते हो जाते हैं, जिससे उधारी और निवेश को बढ़ावा मिलता है।
  • Helps fight recession and low growth periods:-आर्थिक मंदी (recession) और कम वृद्धि दर के समय इस नीति से मदद मिलती है।

Contractionary Monetary Policy (संकीर्ण मौद्रिक नीति)

  • Used to control inflation and overheating of the economy:-महंगाई (inflation) और अति-उत्साही अर्थव्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए उपयोग होती है।
  • RBI increases Repo Rate, CRR, SLR, and Bank Rate:-RBI रेपो रेट, सीआरआर, एसएलआर और बैंक रेट को बढ़ाता है।
  • Conducts OMO sales to absorb excess liquidity:-अतिरिक्त नकदी को खींचने के लिए सरकारी बॉन्ड बेचता है।
  • Loans become expensive, reducing consumption and investment:-ऋण महंगे हो जाते हैं, जिससे उपभोग (consumption) और निवेश (investment) में कमी आती है।
  • May increase unemployment in the short run but helps stabilize prices:-अल्पकाल में बेरोजगारी (unemployment) बढ़ सकती है, लेकिन दीर्घकाल में मूल्य स्थिरता (price stability) मिलती है।

Monetary Policy Committee (MPC) | मौद्रिक नीति समिति

संरचना:-

  • As per the RBI Act (Amendment), 2016:-भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 में 2016 के संशोधन के अनुसार:
  • कुल 6 सदस्य (Members) होते हैं:
    • RBI Governor (Chairperson) आरबीआई के गवर्नर समिति के अध्यक्ष होते हैं।
    • एक आरबीआई अधिकारी (आमतौर पर एक डिप्टी गवर्नर)।
    • एक अधिकारी जिसे आरबीआई द्वारा नामित किया जाता है।
    • भारत सरकार द्वारा नामित तीन स्वतंत्र सदस्य।

कार्य:-

  • Formulates monetary policy to achieve price stability while keeping in mind the objective of growth;-यह समिति मूल्य स्थिरता (price stability) बनाए रखने के साथ-साथ आर्थिक वृद्धि (economic growth) के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए मौद्रिक नीति बनाती है।
  • Each member has one vote; in case of a tie, the Governor has a casting vote प्रत्येक सदस्य के पास एक वोट होता है। यदि बराबरी (tie) हो जाए तो गवर्नर का मत निर्णायक (casting vote) होता है।
  • The MPC meets at least 4 times a year समिति की कम से कम 4 बार वार्षिक बैठक होती है।
  •  Decisions are published with minutes for transparency:-पारदर्शिता (transparency) बनाए रखने के लिए फैसलों के साथ बैठक की कार्यवाही (minutes) भी प्रकाशित की जाती है।
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