चर्चा में क्यों
हाल ही में, केरल में भारत के पहले मंकीपॉक्स मामले की पुष्टि की गई।
प्रमुख बिंदु
- मंकीपॉक्स एक दुर्लभ बीमारी है जो मंकीपॉक्स विषाणु के संक्रमण से होती है। यह विषाणु पॉक्सविरिडे (Poxviridae) परिवार के ऑर्थोपॉक्स वायरस वंश से संबंधित है।
- यह डबल-स्ट्रैंडेड डी.एन.ए. विषाणु है।
- इसका संक्रमण पहली बार वर्ष 1958 में शोध के लिये रखे गए बंदरों की कॉलोनियों में दर्ज़ किया गया जिसके कारण इसका नाम 'मंकीपॉक्स' रखा गया।
- मनुष्यों में इसका पहला मामला वर्ष 1970 में कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में पाया गया।
- यह एक प्रकार की जूनोटिक बीमारी है। इस विषाणु के वाहक जानवर मुख्यत: उष्णकटिबंधीय वर्षा वनों में पाए जाते हैं।
- इनमें गिलहरी, गैम्बियन चूहे, डॉर्मिस और बंदरों की कुछ प्रजातियाँ शामिल।
लक्षण
- प्रारंभिक लक्षण- बुखार, सिरदर्द, सूजन, पीठ दर्द, मांसपेशियों में दर्द
- शरीर पर दाने का उभरना
- इसकी शुरुआत चेहरे से होती हैं किंतु ये हथेलियों एवं तलवों में ज्यादा होते हैं।
- मंकीपॉक्स का अभी तक कोई सुरक्षित और प्रमाणिक चिकित्सा उपलब्ध नहीं।
- चेचक का टीका इसे रोकने में 85% प्रभावी।
- एंटीवायरल दवाएँ भी सहायक।