संदर्भ
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, अब तक कई देशों में मंकीपॉक्स की पुष्टि हो चुकी है। अफ्रीका के साथ-साथ यूरोप और एशिया में भी इसके संक्रमण का प्रसार देखा जा रहा है।
क्या है मंकीपॉक्स (Monkeypox Virus)
- मंकीपॉक्स एक दुर्लभ बीमारी है जो मंकीपॉक्स विषाणु के संक्रमण से होती है। यह डबल-स्ट्रैंडेड डी.एन.ए. (DNA) विषाणु है, जो पॉक्सविरिडे (Poxviridae) परिवार के ऑर्थोपॉक्स वायरस वंश से संबंधित है।
- यह एक प्रकार की जूनोटिक बीमारी (ऐसी बीमार, जिसका संक्रमण जानवरों से मनुष्यों में होता हो) है जिसके लक्षण स्मालपॉक्स के संक्रमण के समान होते है परंतु यह उससे कम गंभीर है।
- इसका प्रभाव मुख्यतया उष्ण कटिबंधीय वर्षा वनों (मध्य और पश्चिमी अफ्रीका) में देखा जाता है किंतु हाल ही में इसके कुछ मामले यूरोप, कनाडा, अमेरिका व ऑस्ट्रेलिया में भी पाए गए हैं।
- इसका पहला संक्रमण वर्ष 1958 में शोध के लिये रखे गए बंदरों की कॉलोनियों में दर्ज़ किया गया जिसके कारण इसका नाम 'मंकीपॉक्स' रखा गया। मनुष्यों में इसका पहला मामला वर्ष 1970 में कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में पाया गया।
- मंकीपॉक्स की दो अलग-अलग क्लैड की पहचान की गई है : ‘वेस्ट अफ्रीकन क्लैड’ और ‘कांगो बेसिन क्लैड’ (इसे सेंट्रल अफ्रीकन क्लैड भी कहते हैं)।
बीमारी के लक्षण
- इसके प्रारंभिक लक्षण बुखार, सिर दर्द, पीठ दर्द और मांसपेशियों में दर्द हैं। इससे लसिका ग्रंथि में सूजन भी हो सकती है।
- बुखार आना बंद होने के बाद शरीर पर दाने विकसित हो सकते हैं, जिसकी शुरुआत चेहरे से होती है। फिर ये दाने शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाते हैं, जो प्राय: हथेलियों और पैरों के तलवों में ज्यादा देखे जाते हैं।
- इसका संक्रमण आमतौर पर स्वत: ठीक हो जाता है, जिसका प्रभाव 2 से 4 सप्ताह तक रहता है।
प्रसार
- मनुष्य में मंकीपॉक्स का प्रसार संक्रमित व्यक्ति या जानवर के निकट संपर्क में आने से अथवा वायरस से संक्रमित किसी भौतिक वस्तु के संक्रमण में आने से होता है।
- डब्ल्यू.एच.ओ. के अनुसार, इस विषाणु के वाहक जानवर मुख्यतः उष्णकटिबंधीय वर्षा वनों में पाए जाते हैं, जिनमें गिलहरी, गैम्बियन चूहे, डॉर्मिस और बंदरों की कुछ प्रजातियों शामिल हैं।
- यद्यपि इस बीमारी का मानव-से-मानव के मध्य संचरण सीमित है किंतु इसका प्रसार एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में घाव, शरीर के तरल पदार्थ, श्वास ड्रॉपलेट्स और संक्रमित व्यक्ति के बिस्तर आदि के संपर्क में आने से हो सकता है।
उपचार
- मंकीपॉक्स का अभी तक कोई सुरक्षित और प्रमाणित उपचार नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन लक्षणों के आधार पर सहायक उपचार की सिफारिश करता है।
- संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण के लिये जागरूकता आवश्यक है।
- चेचक के खिलाफ टीकाकरण मंकीपॉक्स को रोकने में 85% तक प्रभावी सिद्ध हुआ है तथा एंटीवायरल दवाएँ भी इसके उपचार में सहायक हो सकती हैं।