चर्चा में क्यों
केरल वन अनुसंधान संस्थान (KFRI) के अंतर्गत आने वाला नागरिक विज्ञान एवं जैव विविधता सूचना विज्ञान केंद्र ‘मानसून क्रोक्स बायोब्लिट्ज’ 2024 का आयोजन कर रहा है।

बायोब्लिट्ज क्या है ?
- बायोब्लिट्ज एक निर्दिष्ट क्षेत्र के भीतर यथासंभव अधिक से अधिक प्रजातियों की पहचान करने और उनका दस्तावेजीकरण करने के लिए समय-समय पर किया जाने वाला एक गहन सर्वेक्षण है।
- यह विश्व स्तर पर एक लोकप्रिय सहभागी सर्वेक्षण पद्धति है।
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मानसून क्रोक्स बायोब्लिट्ज के बारे में
- यह एक नागरिक विज्ञान कार्यक्रम है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य मानसून के मौसम के दौरान केरल के मेंढकों का दस्तावेजीकरण करना है।
- साथ ही इसका व्यापक लक्ष्य जनता के बीच मेंढकों के प्रति वैज्ञानिक जिज्ञासा और रुचि पैदा करना है।
- जागरूकता फैलाने के लिए माध्यम के रूप में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, पोस्टर और लेख आदि का उपयोग किया जा रहा है।
- महत्व : बायोब्लिट्ज के दौरान उपलब्ध कराए गए सभी वैज्ञानिक अवलोकनों को वैश्विक जैव विविधता सूचना सुविधा (GBIF) में शामिल किया जायेगा।
- गौरतलब है कि वैश्विक जैव विविधता सूचना सुविधा एक जैव विविधता ओपन सोर्स डेटाबेस है।
- इस जानकारी का उपयोग जैव विविधता जागरूकता, आवास संरक्षण, विभिन्न प्रजातियों के संरक्षण की स्थिति का आकलन, वैज्ञानिक साक्षरता, जलवायु परिवर्तन अनुसंधान और नीति निर्माण के लिए किया जा सकता है।
- मानसून और मेंढक :
- मानसून मेंढकों के लिए उत्सव का मौसम होता है जिसमें सबसे अधिक सक्रिय होते हैं और प्रजनन करते हैं।
- मेढ़क पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य का एक संकेतक होते हैं, मेंढकों का अस्तित्व जलवायु परिवर्तन, असमय वर्षा पैटर्न, आवास की हानि और जल प्रदूषण जैसे कई कारकों से चुनौती का सामना कर रहा है।
- नतीजतन, दुनिया के 41% मेंढक लुप्तप्राय प्रजातियों की IUCN रेड लिस्ट में हैं।
केरल वन अनुसंधान संस्थान (KFRI)
- KFRI उष्णकटिबंधीय वनों और वानिकी पर अनुसंधान करने वाले विशेषज्ञों की एक बहु-विषयक टीम है।
- स्थापना :1975 में।
- कार्य : KFRI को वानिकी से संबंधित मामलों पर निर्णय लेने के लिए, वैज्ञानिक सहायता प्रदान करने के लिए उष्णकटिबंधीय वानिकी में उत्कृष्टता केंद्र के रूप में देखा जाता है।
- इसके द्वारा प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण, सतत उपयोग और वैज्ञानिक प्रबंधन पर विशेष बल दिया जाता है।
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