प्रारम्भिक परीक्षा –जीआई टैग मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर- 3 |
संदर्भ
ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल और जम्मू-कश्मीर के 17 से अधिक उत्पादों को जनवरी 2024 को जीआई टैग मिला।
अरुणाचल प्रदेश के उत्पादों को जीआई टैग :-
- अरुणाचल प्रदेश की तीन स्वदेशी उत्पाद को जीआई टैग दिया गया है।
- इनमें केकिर अदरक, हस्तनिर्मित कालीन और वांचो लकड़ी के शिल्प को जीआई टैग प्राप्त हुआ है।
वांचो लकड़ी का शिल्प:-
- इस शिल्प को अरुणाचल प्रदेश के लोंगडिंग और चांगलोंग जिलों के कुशल वांचो जनजातियों द्वारा बनाई जाती है
- यह शिल्प कला वांचो जनजातियों के द्वारा कई पीढ़ियों से बनाया जा रहा है जो उनकी सामाजिक और सांस्कृतिक का प्रतीक है।
- इसका उपयोग ड्राइंग रूम को सजाने के साथ-साथ उपहार देने आदि में किया जाता है।
पश्चिम बंगाल के 5 उत्पादों जीआई टैग:-
- पश्चिम बंगाल के 5 उत्पादों में सुंदरबन के प्राकृतिक शहद, जलपाईगुड़ी के कालो नुनिया चावल, मुर्शिदाबाद के गराड और कोरियल तथा नादिया और पूर्वी बर्दवान की तंगेल साड़ियों को जीआई टैग प्रदान किया गया है।
सुंदरबन का प्राकृतिक शहद:-
- इस शहद को सुंदरबन से एकत्रित किया जाता है, जिसे “मौबन” कहा जाता है।
- इस शहद को सुंदरबन के मौली निवासीयों के द्वारा इकट्ठा किया जाता हैं ।
- इस शहद में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं जो कोशिका की सुरक्षा में मदद करते हैं ।
- इस शहद को इकट्ठा करते समय मधुमक्खियों को बिना नुकसान पहुंचाए शहद इकट्ठा किया जाता है।
कालो नुनिया चावल :-
- इस चावल का उत्पादन उत्तर बंगाल में किया जाता है, जो दुर्लभ और अत्यधिक मूल्यवान चावल की किस्म है।
- यह एक मध्यम आकार का काला दाना वाला सुगंधित बढ़िया स्वदेशी किस्म का चावल है ।
- इसकी कृषि जलपाईगुड़ी, कूच बिहार, अलीपुरद्वार और दार्जिलिंग आदि जिलों में की जाती है।
तांगेल साड़ी:-
- इस साड़ी का निर्माण पश्चिम बंगाल के नादिया और पूर्वी बर्दवान में किया जाता है।
- इस साड़ी में रंगीन धागों का उपयोग करके आकर्षक डिजाइन बनाया जाता है ।
- यह जामदानी सूती साड़ी की तरह ही होती है।
कोरियल साड़ी:-
- कोरियल साड़ी और गराड साड़ी का उत्पादन पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद और बीरभूम जिले में किया जाता है।
- यह सफेद या क्रीम रंग की रेशम की साड़ी होती हैं। इस साड़ी के बॉर्डर और पल्लू सोने और चांदी के रंग के होते हैं, जिनमे बनारसी साड़ियों की तरह विशेषता पायी जाती है।
गारद साड़ी:
- यह रेशम की साड़ी सफेद या मटमैले रंग की होती है इस साड़ी में रंग एवं एक धारीदार पल्लू होता है।
- इस साड़ी का उपयोग पूजा- पाठ आदि धार्मिक अनुष्ठानों में पहनने के लिए किया जाता है।
गुजरात की कच्छी खरेक:-
- यह खजूर की एक किस्म है, जिसका उत्पादन गुजरात के कच्छ क्षेत्र में किया जाता है।
- यह खजूर नरम, स्वादिस्ट और प्राकृतिक मिठास से समृद्ध होता है।
जम्मू कश्मीर का रामबन अनारदाना (पुनिका ग्रैनटम):-
- इसे स्थानीय रूप से "ध्रुणी" कहा जाता है, यह जम्मू और कश्मीर के पहाड़ी क्षेत्रों में 1000-2500 औसत ऊँचाई पर पाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण पर्णपाती झाड़ी है।
- इसकी ऊँचाई 5 से 8 मीटर तक होती है।
- रामबन अनारदाना के फल अक्टूबर के मध्य में पकते हैं जिसे हाथ से चुना जाता है।
प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न:- जनवरी 2024 में अरुणाचल प्रदेश के जीआई टैग प्राप्त उत्पादों के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
- केकिर अदरक
- हस्तनिर्मित कालीन
- वांचो लकड़ी के शिल्प
उपर्युक्त में से कितने जीआई टैग प्राप्त उत्पाद हैं?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं
उत्तर - (c)
मुख्य परीक्षा प्रश्न:- जीआई टैग क्या है? इससे होने वाले लाभों की व्याख्या कीजिए।
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