संदर्भ
नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन अर्थ ऑब्जर्वेटरी के अनुसार, अंटार्कटिका में एक सक्रिय ज्वालामुखी शिखर, माउंट एरेबस, अन्य सामग्रियों के साथ सोने की धूल को दैनिक आधार पर वायुमंडल में छोड़ रहा है।

माउंट एरेबस के बारे में
- यह अंटार्कटिका का सबसे प्रसिद्ध और दुनिया का सबसे दक्षिणी सक्रिय ज्वालामुखी है।
- माउंट एरेबस को पॉलीजेनेटिक स्ट्रैटोवोलकानो के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
- इसके शिखर क्रेटर में एक लावा झील है जो 1972 से सक्रिय है।
- इसकी शिखर ऊंचाई 3,794 मीटर (12,448 फीट) है।
- यह रॉस द्वीप पर रॉस डिपेंडेंसी में स्थित है, यहाँ तीन निष्क्रिय ज्वालामुखी माउंट टेरर, माउंट बर्ड और माउंट टेरा नोवा भी मौजूद हैं।
- इस पर्वत का नाम कैप्टन जेम्स क्लार्क रॉस ने 1841 में अपने जहाज एरेबस के नाम पर रखा था।
स्ट्रैटोवोलकानो या मिश्रित शंकु (Composite Cone) की विशेषताएं
- यह एक ऊँचा, खड़ा और शंकु के आकार का ज्वालामुखी होता है। धरातल से शंकुओं का ढाल 35-40 डिग्री होता है।

- ऐसे ज्वालामुखी में शंकुओं का निर्माण लावा और राख की एक परत के बाद दूसरी परत के जमने से होता है।
- ये मिश्रित ज्वालामुखी पृथ्वी के सबडक्शन जोन में बनते हैं, जहां टेक्टोनिक प्लेटें एक-दूसरे के नीचे धंस रही होती हैं।
- संयुक्त राज्य अमेरिका के शहस्ता, हुड, रेनियर, मैक्सिको का पोपोकाटिल, कोस्टा रिका का इराजू और जापान का फ्यूजीयामा मिश्रित शंकु के उदाहरण हैं।
- पैसिफिक रिंग ऑफ फायर के किनारे 300 से अधिक ज्वालामुखी पाए जाते हैं, जिनमें से कई अक्सर सक्रिय हैं।