प्रारंभिक परीक्षा: बहुआयामी गरीबी, सतत विकास लक्ष्य, नीति आयोग, राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण मुख्य परीक्षा: सामान्य अध्ययन, पेपर-2 (गरीबी एवं भूख से संबंधित विषय) |
संदर्भ:
15 जनवरी, 2024 को नीति आयोग द्वारा 'वर्ष 2005-06 से भारत में बहुआयामी गरीबी' नामक एक चर्चा पत्र जारी किया गया है।
प्रमुख बिंदु:
इस बहुआयामी गरीबी सूचकांक में राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 (2015-16) और राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 (2019-21) के आंकड़ों का प्रयोग किया गया है।
चर्चा पत्र के प्रमुख बिंदु:
- भारत में बहुआयामी गरीबी वर्ष 2013-14 में 29.17 फीसदी से घटकर वर्ष 2022-23 में 11.28 फीसदी रह गई।
- इस अवधि में लगभग 24.82 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले।
- राज्य स्तर पर उत्तर प्रदेश 5.94 करोड़ लोगों के गरीबी से बाहर निकलने के साथ सूची में प्रथम है।
- बिहार 3.77 करोड़ और मध्य प्रदेश 2.30 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालने के साथ दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं।
- इस अवधि के दौरान राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी सूचकांक (MPI) के सभी 12 संकेतकों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
- इस पत्र के अनुसार, भारत वर्ष 2030 से पहले ही सतत विकास लक्ष्य(SDG) 1.2 हासिल कर सकता है।
राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी सूचकांक (MPI):
- यह नीति आयोग द्वारा जारी किया जाता है।
- इसमें स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन स्तर तीनों के समान रूप से भारित आयामों में एक साथ गरीबी को मापता है।
- इन तीनों आयामों में कुल 12 लक्ष्यों को शामिल किया गया है।
- स्वास्थ्य में-
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- पोषण
- बाल और किशोर मृत्यु दर
- मातृ स्वास्थ्य
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- स्कूली शिक्षा के वर्ष
- स्कूल में उपस्थिति
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- खाना पकाने का ईंधन
- स्वच्छता
- पीने का पानी
- बिजली
- आवास
- संपत्ति
- बैंक खाते
वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक:
- संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) और ऑक्सफ़ोर्ड गरीबी और मानव विकास पहल (OPHI) ने साल 2010 में शुरू किया था।
- यह सूचकांक तीन आयामों (स्वास्थ्य, शिक्षा, और जीवन स्तर) के 10 संकेतकों में अभाव को मापता है।
- स्वास्थ्य में: पोषण, बाल मृत्यु दर
- शिक्षा में: स्कूली शिक्षा के वर्ष, स्कूल में उपस्थिति
- जीवन स्तर में- खाना पकाने का ईंधन, स्वच्छता, पीने का पानी, बिजली, आवास, संपत्ति
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नीति आयोग:
- इसका गठन 1 जनवरी, 2015 को केंद्रीय मंत्रिमंडल के एक प्रस्ताव के माध्यम से किया गया था।
- इसे योजना आयोग के स्थान पर बनाया गया है।
- यह भारत सरकार का नीति से संबंधित प्रमुख 'थिंक टैंक' है।
- यह सरकार को निदेशात्मक और नीतिगत इनपुट प्रदान करता है।
- यह राज्यों को राष्ट्रीय हित में एक साथ कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करता है, जिससे सहयोगी संघवाद को बढ़ावा मिलता है।
- इसकी शासी परिषद की अध्यक्षता माननीय प्रधान मंत्री करते हैं।
- परिषद में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री और अन्य केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल शामिल होते हैं।
- नीति आयोग ने विशिष्ट क्षेत्रीय मुद्दों को संबोधित करने के लिए 5 क्षेत्रीय परिषदों की स्थापना की है ये परिषदें-
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- उत्तर पूर्व क्षेत्रीय परिषद
- उत्तर क्षेत्रीय परिषद
- मध्य क्षेत्रीय परिषद
- पश्चिमी क्षेत्रीय परिषद
- दक्षिणी क्षेत्रीय परिषद
- नीति आयोग की प्रमुख पहलें-
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- समग्र जल प्रबंधन सूचकांक
- स्कूल शिक्षा गुणवत्ता सूचकांक
- स्वास्थ्य सूचकांक
- भारत नवाचार सूचकांक
- वुमन ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया अवार्ड्स; आदि
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS):
- यह सम्पूर्ण भारत में आयोजित होना बहुलक्षीय सर्वेक्षण है।
- इसके आंकड़े भारत की जनसांख्यिकीय और स्वास्थ्य नीतियों और कार्यक्रमों को प्रभावी बनाते हैं।
- वर्ष 1992-93 में इसका पहला सर्वेक्षण आयोजित किया गया था।
- यह सर्वेक्षण स्वास्थ्य और परिवार नियोजन से सम्बंधित निम्नलिखित पहलुओं जानकारी प्रदान करता है-
- प्रजनन क्षमता
- शिशु और बाल मृत्यु दर
- परिवार नियोजन के अभ्यास
- मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य
- प्रजनन स्वास्थ्य
- पोषण
- एनीमिया; आदि
- भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने NFHS के लिए नोडल एजेंसी के रूप में इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर पॉपुलेशन साइंसेज, मुंबई को नामित किया है।
प्रश्न: निम्नलिखित में से कौन ‘राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी सूचकांक’ के लक्ष्यों में शामिल हैं?
- बैंक खाते
- मातृ स्वास्थ्य
- स्कूली शिक्षा के वर्ष
- खाना पकाने का ईंधन
- स्कूल में उपस्थिति
- संपत्ति
- रोजगार
नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए-
(a) 1,2,3 और 6
(b) 2, 4,5, 6 और 7
(c) 1,2,3,4, 5 और 6
(d) 1,2,3,4,5 और 7
उत्तर (c)
मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न: बहुआयामी गरीबी को परिभाषित करते हुए इसकी वर्तमान स्थिति का विश्लेषण कीजिए।
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