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IAS Foundation New Batch, Starting from 27th Aug 2024, 06:30 PM | Optional Subject History / Geography | Call: 9555124124

मुसांकवा सैनियाटिएंसिस

MUSHANK

DAINASOR

चर्चा में क्यों ?

  • हाल ही में जिम्बाब्वे में डायनासोर की एक नई प्रजाति के जीवाश्म पाए
  • डायनासोर की एक नई प्रजाति का नाम मुसांकवा सैनियाटिएंसिस रखा गया है। 
    • "मुसांकवा", उस हाउसबोट का नाम था जिसका प्रयोग वैज्ञानिकों ने अनुसंधान स्थल पर अपने अभियानों के दौरान किया था।
    • "सनयातिएन्सिस", सनयाती नदी को दर्शाता है जो करीबा झील में बहती है।
  • इसकी पहचान जिम्बाब्वे में करीबा झील के तट पर पाए गए जीवाश्मों से की गई है
  • इन जीवाश्मों को प्राप्त करने वाली चट्टानें लेट ट्राइऐसिक काल की हैं , जो लगभग 210 मिलियन वर्ष पुरानी हैं।
  • यह डायनासोर, सॉरोपोडोमोर्फा का सदस्य था
  • सॉरोपोडोमोर्फा दो पैरों तथा लंबी गर्दन वाले डायनासोरों का एक समूह था
  • इसका वजन लगभग 390 किलोग्राम था 
  • मुसांकवा सैनियाटिएंसिस अपने युग के सबसे बड़े डायनासोरों में से एक था और ज्यादातर दलदली क्षेत्रों में रहता था।

ZIMBABWAY

करीबा झील

  • यह आयतन की दृष्टि से विश्व की सबसे बड़ी मानव निर्मित झील और जलाशय है
  • यह जाम्बिया और जिम्बाब्वे की सीमा पर स्थित है। 
  • इसका निर्माण वर्ष 1955 और 1959 के बीच ज़म्बेजी नदी पर बांध बनाकर किया गया था।
  • यह जाम्बिया और जिम्बाब्वे दोनों को पर्याप्त विद्युत शक्ति प्रदान करता है तथा वाणिज्यिक मत्स्य उद्योग को भी बढ़ावा देता है 
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