(प्रारंभिक परीक्षा के लिए - म्यूचुअल फंड, सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP)
(मुख्य परीक्षा के लिए, सामान्य अध्ययन प्रश्नप्रत्र 3 - भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों का संग्रहण)
सन्दर्भ
- उद्योग संगठन एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया के आँकड़ों के अनुसार, म्यूचुअल फंड कंपनियों के प्रबंधन के तहत आने वाली कुल संपत्ति सितंबर 2022 में बढ़कर 39.88 लाख करोड़ रुपये हो गई है।
- सितंबर 2021 में म्यूचुअल फंड उद्योग के प्रबंधन के तहत आने वाली कुल संपत्ति 36.73 लाख करोड़ रुपये थी।
- नियमित निवेश योजना (एसआईपी) में निवेश बढ़ने से इसमें वृद्धि हुई है।
- उद्योग संगठन एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया के अनुसार, सितंबर में एसआईपी के जरिये म्यूचुअल उद्योग में निवेश बढ़कर 12.97 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो अब तक का सबसे अधिक है। साथ ही एसआईपी खातों की संख्या भी बढ़कर 5.84 करोड़ हो गई है।
म्यूचुअल फंड
- म्यूचुअल फंड निवेश का एक प्रकार है, निवेशकों के समूह मिलकर कंपनियों के शेयरों, सरकारी प्रतिभूतियों तथा गोल्ड आदि में निवेश करते हैं।
- म्यूचुअल फंड में कई निवेशकों का पैसा एक जगह जमा किया जाता है, और इस फंड में से फिर बाज़ार में निवेश किया जाता है।
- म्यूचुअल फंड को (एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMC) द्वारा मैनेज किया जाता है, प्रत्येक AMC में आमतौर पर कई म्यूचुअल फंड स्कीम होती हैं।
- यह फंड आम तौर पर एक फंड मैनेजर द्वारा प्रशासित किया जाता है, जो इसके बदले में निवेशकों से शुल्क वसूलता है।
- व्यक्ति और संस्थान दोनों म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं।
- म्यूचुअल फंड कंपनी की कीमत उसके द्वारा खरीदी गई प्रतिभूतियों के प्रदर्शन से तय होती है।
- एकल होल्डिंग के बजाय, एक म्यूचुअल फंड शेयर विभिन्न स्टॉक (या अन्य प्रतिभूतियों) में निवेश का प्रतिनिधित्व करता है।
- म्यूचुअल फंड का भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड के साथ पंजीकृत होना अनिवार्य है।
म्यूचुअल फंड के प्रकार
फिक्स्ड-इनकम फंड
- एक फिक्स्ड-इनकम म्यूचुअल फंड सरकारी बॉन्ड, कॉर्पोरेट बॉन्ड और अन्य डेव्ट इंस्ट्रूमेंट्स जैसी फिक्स्ड-इनकम सिक्योरिटीज में निवेश करता है ,जो एक निश्चित दर पर रिटर्न प्रदान करते हैं।
मनी मार्केट फंड्स
- मनी मार्केट फंड में काफी हद तक सरकारी ट्रेजरी नोट होते हैं, जो सुरक्षित (जोखिम मुक्त) अल्पावधि के कर्ज के साधन होते हैं।
- इसमें बहुत ज्यादा प्रतिफल नहीं मिलता, लेकिन इसमें जोखिम भी कम रहता है ।
वैश्विक/अंतर्राष्ट्रीय फंड
- एक अंतरराष्ट्रीय फंड (जिसे कभी-कभी विदेशी फंड के रूप में जाना जाता है) विशेष रूप से मूल देश के बाहर की परिसंपत्तियों में निवेश करता है।
- दूसरी ओर वैश्विक फंड अपने देश समेत दुनिया के किसी भी देश में निवेश कर सकता है।
डेब्ट फंड (Debt Funds)
- डेब्ट फंड ऐसे फंड होते हैं, जो एक निश्चित इनकम रिटर्न देते हैं।
- डेब्ट फंड कमर्शियल पेपर, ट्रेजरी बिल, कॉर्पोरेट बांड्स और अन्य कई मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट में निवेश करते हैं।
गिल्ट फंड (Gilt Fund)
- गिल्ट फंड अपना पैसा सिर्फ गवर्नमेंट सिक्योरिटीज में ही निवेश करते हैं।
- सरकार को पैसा देने की वजह से इस प्रकार के डेब्ट फंड में रिस्क नहीं की मात्रा में होता है।
लिक्विड फंड्स (Liquid Funds)
- लिक्विड फंड वे म्यूचुअल फंड होते हैं जो किसी भी समय रीडीम करवाए जा सकते हैं।
- रिडेम्पशन का आवेदन करने के 24 घंटे के भीतर पैसा आपके बैंक अकाउंट में आ जाता है।
लार्ज कैप फंड्स (Large Cap Funds)
- लार्ज कैप फंड वे म्यूचुअल फंड्स होते हैं, जो अपना पैसा बड़े मार्केट कैपिटल वाली कंपनी में लगाते हैं।
- चूँकि लार्ज कैप कंपनी पहले से अपनी ग्रोथ प्राप्त कर चुकी होती है, इसलिए यहां रिटर्न कुछ कम, परंतु लगातार मिलता है।
म्यूचुअल फंड के लाभ
- म्यूचुअल फंड में निवेश का एक लाभ विविधीकरण है। इसके तहत एक साथ कई कंपनियों के शेयरों में निवेश किया जा सकता है, जिससे जोखिम कम हो जाता है
- म्यूचुअल फंड कम निवेश में कई स्टाक और बांड लेने की सुविधा देता है।
- निवेशक जिस म्यूचुअल फण्ड में निवेश करते हैं, उस फण्ड में से किसी एक जगह पैसा नहीं लगाया जाता है। बल्कि अलग-अलग जगह निवेश किया जाता है, ताकि किसी एक क्षेत्र में मंदी आने से भी अन्य क्षेत्र से लाभ कमा लिया जाए।
- म्यूच्यूअल फंड्स को प्रमुख स्टॉक एक्सचेंजों पर अपेक्षाकृत आसानी से खरीदा और बेचा जा सकता है, इनमे बेहद सरलता से निवेश कर सकते हैं।
- म्यूचुअल फंड का एक प्रमुख लाभ यह है कि आपको स्टॉक चुनने या परिसंपत्तियों का प्रबंधन करने की आवश्यकता नहीं है।
- इसके बजाय, एक पेशेवर निवेश प्रबंधक सावधानीपूर्वक अध्ययन और विशेषज्ञ व्यापार के साथ परिसंपत्तियों का प्रबंधन करता है।
- पसंद और विविधता की स्वतंत्रता निवेशकों के पास विभिन्न प्रबंधन शैलियों और उद्देश्यों के साथ प्रबंधकों की एक विस्तृत श्रृंखला से जांच करने और चुनने का विकल्प है।
- म्यूचुअल फंड विदेशी और घरेलू निवेश के अवसरों तक पहुंच प्रदान करते हैं ,जो अन्यथा नियमित निवेशकों के लिए अनुपलब्ध होंगे।
- म्यूचुअल फंड पूंजी संचय में मदद करते हैं, जो किसी भी विकासशील देश के विकास के लिए महत्वपूर्ण है।
- यह लोगों को अपने घरों में पैसे जमा करने से रोकता है, इससे देश में निवेश के अनुकूल माहौल बनाने और नई नौकरियों के सृजन में मदद मिलती है।
- म्यूचुअल फंड देश में कई बड़ी निवेश परियोजनाओं के वित्त पोषण में योगदान करते हैं।
म्यूचुअल फंड के नुकसान
- म्यूचुअल फंड शेयरों को किसी भी समय नकद में बदल दिया जाने का अनुरोध किया जा सकता है, लेकिन उन शेयरों के विपरीत जो पूरे दिन व्यापार करते हैं, कई म्यूचुअल फंड रिडेम्पशन केवल प्रत्येक ट्रेडिंग दिन के समापन पर ही होते हैं।
- कुछ म्यूचुअल फंड एक लॉक इन अवधि का प्रावधान करते है।
- लॉक इन अवधि से तात्पर्य है कि आपको अपना निवेश किया गया पैसा एक निश्चित समय के लिए जमा करना होगा, और उस दौरान आप उस पैसे को निकाल नहीं सकते है। अगर आप उस पैसे को निकालते हैं तो आपको अपने निवेश पर नुकसान उठाना पड़ सकता है।
- म्यूचुअल फंड में जो निवेश किया जाता है उस पर निवेशक का कोई नियंत्रण नहीं होता है, बल्कि उसे फंड मैनेजर के द्वारा नियंत्रित किया जाता है। वही अपनी इच्छा के अनुसार निवेश को स्टॉक मार्केट या अन्य बाजार में लगाता है।
सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP)
- सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान एक प्रकार का निवेश का माध्यम है, जिसमे म्यूचुअल फंड निवेशक को म्यूचुअल फंड में एकमुश्त रकम की जगह पर समय-समय पर छोटी राशि निवेश करने की इजाजत मिल जाती है।
- निवेश की आवृत्ति आमतौर पर साप्ताहिक, मासिक या त्रैमासिक होती है।
- ये इसलिए भी आसान है क्योंकि आप अपने बैंक को स्थाई अनुदेश दे सकते हैं, कि आपके खाते से ये रकम हर माह डेबिट (निकासी) होती रहे।
लाभ
- छोटी निवेश छोटी राशि निवेश के लिए निकालना आसान है। लंबे समय तक छोटी छोटी राशि का निवेश आपको बड़े रिटर्न दे सकते हैं।
- एसआईपी का सबसे बड़ा फायदा है इसमें निवेशक द्वारा थोड़े थोड़े अंतराल में निवेश करने से जोखिम में कमी आ जाएगी।
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भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI)
- भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड भारत में प्रतिभूति और वित्त का नियामक बोर्ड है।
- सेबी की स्थापना भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड अधिनियम, 1992 के प्रावधानों के तहत 12 अप्रैल, 1992 को हुई थी।
- इसका मुख्यालय मुंबई में है।
सेबी के कार्य –
- सेबी का प्रमुख उद्देश्य भारतीय स्टाक निवेशकों के हितों का उत्तम संरक्षण प्रदान करना, और प्रतिभूति बाजार के विकास तथा नियमन को प्रवर्तित करना है।
- स्टॉक ब्रोकर्स, शेयर ट्रान्सफर एजेंट्स, ट्रस्टीज, मर्चेंट बैंकर्स, गोल्ड एक्सचेंज, पोर्टफोलियो मैनेजर आदि के कार्यो का नियमन करना एवं उन्हें पंजीकृत करना।
- म्यूचुअल फण्ड की सामूहिक निवेश योजनाओ को पंजीकृत करना तथा उनका नियमन करना।
- प्रतिभूतियों के बाजार से सम्बंधित अनुचित व्यापार व्यवहारों (Unfair Trade Practices) को समाप्त करना।
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