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म्यूचुअल फंड लाइट

(सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-3; निवेश मॉडल, भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोज़गार से संबंधित विषय।) 

संदर्भ 

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (Securities and Exchange Board of India : SEBI) ने निष्क्रिय रूप से प्रबंधित योजनाओं के लिए उदारीकृत म्यूचुअल फंड लाइट (Mutual Funds Lite : MF Lite) ढाँचा पेश किया है।

MF Lite का उद्देश्य 

  • MF पारिस्थितिकी तंत्र में नए खिलाड़ियों के प्रवेश को बढ़ावा देना
  •  कम जोखिम वाली योजनाओं के माध्यम से खुदरा निवेशकों के लिए विविध निवेश विकल्प प्रस्तुत करना 
  • बाजार में तरलता बढ़ाना 

MF Lite ढाँचे की आवश्यकता 

  • निष्क्रिय रूप से प्रबंधित म्यूचुअल फंड योजनाओं को सक्रिय रूप से प्रबंधित म्यूचुअल फंड योजनाओं की तुलना में कम जोखिम भरा माना जाता है। 
  • ये सामान्यत: बी.एस.ई. सेंसेक्स या निफ्टी 50 जैसे बेंचमार्क इंडेक्स के आधार पर लाभांश प्रदान करते हैं। 
    • बेंचमार्क इंडेक्स के अंतर्निहित घटकों के सार्वजनिक रूप से उपलब्ध होने के कारण निष्क्रिय रूप से प्रबंधित योजनाओं को आसानी से ट्रैक किया जा सकता है। 
  • सेबी के अनुसार निष्क्रिय फंड की निवेश रणनीति पहले से ही स्थापित नियमों वाले उपकरणों  के आधार पर होती है। 
    • ऐसे में फंड की एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMC) के पास परिसंपत्ति आवंटन एवं  निवेश उद्देश्य के संबंध में "नगण्य विवेकाधिकार" होता है। 
  • सेबी ने माना कि मौजूदा ढाँचा मुख्य रूप से सक्रिय म्यूचुअल फंड ऑपरेटरों के लिए है जो निष्क्रिय रूप से प्रबंधित योजनाओं के लिए प्रासंगिक नहीं है। 
  • नवीनतम विनियमों में प्रायोजकों (जो म्यूचुअल फंड की स्थापना एवं पंजीकरण करते हैं) के लिए पात्रता मानदंड से संबंधित शिथिल आवश्यकताएँ जैसे- नेट वर्थ, ट्रैक रिकॉर्ड और लाभप्रदता आदि शामिल होंगी। 

नए हितधारकों के प्रवेश में सहायता

शासन संरचना 

  • सेबी के अनुसार निष्क्रिय फंड के प्रबंधन में ट्रस्टियों की निगरानी भूमिका (निवेशकों के हितों की रक्षा करने का काम) भी काफी कम हो जाती है। 
  • नए ढाँचे में यह निर्धारित किया गया है कि हितों के टकराव को रोकने और संबंधित पक्ष के लेन-देन, प्रायोजकों के अनुचित प्रभाव, बाजार के दुरुपयोग सहित कदाचार और फ्रंट रनिंग सहित सूचना के दुरुपयोग की निगरानी में AMC के साथ ट्रस्टियों की भूमिका अभी भी प्रासंगिक होगी। 
    • हालाँकि दैनिक संचालन से संबंधित कुछ निगरानी उपाय जैसे- लगाए गए शुल्क एवं व्यय में निष्पक्षता सुनिश्चित करना और, ट्रैकिंग त्रुटि व अंतर को नियामक सीमा के भीतर बनाए रखना आदि अब पूरी तरह से AMC बोर्ड के अधिकार क्षेत्र में होंगे।

निवल मूल्य होल्डिंग्स के लिए आवश्यकताएँ

  • निवल मूल्य, फंड की परिसंपत्तियों और देनदारियों के बीच का अंतर है। यह ढांचा निष्क्रिय फंड का संचालन करने वाले AMC के लिए न्यूनतम 35 करोड़ की निवल संपत्ति का मानदंड निर्धारित करता है। 
  • तरलता पर बल देते हुए सेबी ने फंड द्वारा निवल मूल्य की पूरी राशि को स्थायी आधार पर तरल परिसंपत्तियों में निवेश करने की आवश्यकता को रेखांकित किया है। 

जोखिम एवं प्रकटीकरण के संबंध में प्रावधान 

  • नवीनतम ढाँचे के तहत सेबी ने  संभावित निवेशक को योजना सूचना दस्तावेज़ (SID) में अन्य बातों के अलावा अंतर्निहित बेंचमार्क के बारे में सूचित करने का भी निर्देश दिया है।
    • SID में संभावित खुदरा निवेशक के लिए सभी प्रासंगिक जानकारी शामिल होती  है। 
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