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मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयाँ

चर्चा में क्यों

हाल ही में, केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री और कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने किसानों के घर पर पशु चिकित्सा सेवाएँ प्रदान करने के लिये ‘मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयों (MVU’s)’ का उद्घाटन किया। 

प्रमुख बिंदु 

  • कर्नाटक को 289 लाख पशु संख्या पर 290 ‘मोबाइल पशु चिकित्सा वाहनों’ को मंजूरी दी गई, जिसे सार्वजनिक निजी भागीदारी द्वारा पूरे राज्य में संचालित किया जाएगा।
  • ये एम.वी.यू. पशु चिकित्सा स्वास्थ्य देखभाल के लिये निदान, उपचार एवं मामूली सर्जरी तथा अन्य बुनियादी आवश्यकताओं इत्यादि के उद्देश्य से जरुरी उपकरणों के साथ अनुकूलित वाहन होंगे।
  • पशु चिकित्सा सेवाएँ किसानों से कॉल सेंटर पर प्राप्त फोन कॉल के आधार पर उपलब्ध कराई जाएँगी। मोबाइल पशु चिकित्सा वाहनों का उपयोग करने के लिये टोल फ्री पशु हेल्पलाइन नंबर 1962 का प्रयोग करना होगा।
  • पशु चिकित्सा सेवाओं की पहुँच बढ़ाने के लिये एम.वी.यू. योजना के तहत राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को प्रत्येक एक लाख पशुधन आबादी में एक एम.वी.यू. स्थापित करने के लिये वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।

लाभ 

  • सही समय पर डेयरी पशुओं के स्वास्थ्य की देखभाल।
  • किसानों की आय को दोगुना करने में उपयोगी।
  • किसानों एवं डेयरी मालिकों की आर्थिक स्थिति में सुधार। 

पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण कार्यक्रम

  • ये सुविधाएँ ‘पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण कार्यक्रम’ के घटक ‘पशु चिकित्सा अस्पतालों एवं औषधालयों की स्थापना व सुदृढ़ीकरण-मोबाइल पशु चिकित्सा इकाईयों’ के तहत प्रदान की जा रही है। 
  • भारत सरकार के 'पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण कार्यक्रम' का समग्र उद्देश्य पशुधन एवं कुक्कुट के विभिन्न रोगों के खिलाफ रोगनिरोधी टीकाकरण कार्यक्रमों के कार्यान्वयन, क्षमता निर्माण, रोग की निगरानी तथा पशु चिकित्सा बुनियादी ढाँचे को मजबूत करके पशु स्वास्थ्य में सुधार करना है।
  • मोबाइल पशु चिकित्सा वाहनों के परिचालन लागत को केंद्र और राज्य सरकार द्वारा 60:40 के अनुपात में वहन किया जाएगा।
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