(प्रारम्भिक परीक्षा : राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ) (मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 1 : सामाजिक मुद्दे, महिलाओं की भूमिका और महिला संगठन) |
संदर्भ
हाल ही में, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश एवं गुजरात राज्यों को 'नाता प्रथा' नामक परंपरा को लेकर नोटिस जारी किया है।
नाता प्रथा के बारे में
- क्या है : इसमें स्टाम्प पेपर पर महिलाओं या बालिकाओं को बेचना अथवा व्यक्तियों द्वारा कुछ समुदायों की कम आयु की बालिकाओं या लड़कियों से विवाह करना शामिल है।
- ये ’बिक्री एवं विवाह’ प्राय: बालिकाओं के स्वयं के परिवारों द्वारा आयोजित किए जाते हैं।
- पारंपरिक स्वरुप : परंपरागत रूप से इस संबंध में प्रवेश करने वाले पुरुष एवं महिला दोनों विवाहित या विधवा होते थे।
- हालाँकि, समय के साथ यह प्रथा अविवाहित लोगों को भी शामिल करने के लिए विकसित हो गई है।
- खरीद-बिक्री : इस प्रथा के अनुसार, पुरुष द्वारा महिला (बालिका) को अथवा महिला के परिवार के मुखिया को धन देना होता है।
- कई बार पूरा धन चुकता न कर पाने की स्थिति में बालिका को वापस लाकर धन देने में सक्षम किसी अन्य पुरुष के साथ भेज दिया जाता है।
- विवाह समारोह की आवश्यकता नहीं : इस प्रणाली के तहत एक साथ रहने के लिए किसी औपचारिक विवाह समारोह की आवश्यकता नहीं होती है।
- दंपत्ति बिना विवाह के पति-पत्नी के सभी दायित्वों का निर्वाह कर सकते हैं।
- प्रचलन : यह प्रथा राजस्थान, गुजरात एवं मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में प्रचलित है।
- यह मुख्य रूप से भील जनजाति से संबंधित है।
भील जनजाति के बारे में
- यह दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी जनजातियों में से एक है, जो छत्तीसगढ़, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश एवं राजस्थान में निवास करते हैं।
- यह नाम 'बिल्लू' शब्द से लिया गया है, जिसका अर्थ है धनुष।
- वस्तुतः भील जनजाति के लोग उत्कृष्ट धनुर्धर के रूप में जाने जाते हैं।
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राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का रुख
- वेश्यावृत्ति के समान : आयोग की शोध शाखा के अनुसार नाता प्रथा वेश्यावृत्ति के आधुनिक रूपों के समान है।
- नाता प्रथा में शामिल व्यक्तियों पर मुकदमा : विभिन्न उपायों के बीच इसने सुझाव दिया कि कानून निर्माण के अतिरिक्त महिलाओं को नाता प्रथा में धकेलने वाले व्यक्तियों पर मानव तस्करी से संबंधित कानूनों के तहत मुकदमा चलाया जाना चाहिए।
- नाबालिग लड़कियों की बिक्री पर पोक्सो अधिनियम (POCSO Act) के तहत मुकदमा चलाया जाना चाहिए।
महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए प्रयास : NHRC बालिकाओं एवं महिलाओं की आर्थिक व सामाजिक स्थिति में सुधार के लिए जागरूकता पैदा करने और शिक्षा तथा रोजगार प्रदान करने के अलावा ‘नाता प्रथा’ के मामलों को दर्ज करने के लिए ग्राम स्तर पर एक समूह बनाने का भी सुझाव दिया है।