मैसूर दशहरा में भाग लेने वाले हाथी ‘अश्वत्थामा’ की नागरहोल टाइगर रिजर्व में बिजली का करंट लगने से मौत हो गई।
नागरहोल टाइगर रिजर्व के बारे में
- अवस्थिति : कर्नाटक के मैसूर एवं कोडागु जिलों में स्थित।
- इसके दक्षिण-पूर्व में बांदीपुर टाइगर रिजर्व और दक्षिण-पश्चिम में केरल का वायनाड वन्यजीव अभयारण्य है।
- यह रिजर्व नीलगिरि बायोस्फीयर रिजर्व का भी हिस्सा है।
- नामकरण : पूर्व में राजीव गांधी राष्ट्रीय उद्यान के नाम से प्रसिद्ध इस अभयारण्य का नामकरण 'नागराहोल' नदी के नाम पर।
- नागराहोल का कन्नड़ भाषा में शाब्दिक अर्थ 'सर्प नदी' (नागरा अर्थात सर्प व होल अर्थात नदी) है।
- रिजर्व में स्थित जलाशय : काबिनी एवं तारका जलाशय।
- ऐतिहासिक तथ्य : वर्ष 1988 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित और ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ के अंतर्गत वर्ष 1999 में टाइगर रिजर्व घोषित।
- पाई जाने वाली प्रमुख वनस्पति : उष्णकटिबंधीय, आर्द्र, अर्ध-सदाबहार व शुष्क पर्णपाती वन।
- व्यावसायिक रूप से महत्वपूर्ण वृक्ष शीशम, सागौन, चंदन व सिल्वर ओक हैं।
- पाए जाने वाले प्रमुख जीव-जंतु : बाघ, तेंदुआ, एशियाई जंगली कुत्ता और स्लॉथ भालू, एशियाई हाथी, गौर, सांभर, चीतल, मंटजैक, चौसिंगा मृग, जंगली सुअर, माउस हिरण।
- हडलू (Hadlu) : इसके जंगलों में पाई जाने वाली दलदली परती भूमि।