प्रारम्भिक परीक्षा – नामदाफा उड़न गिलहरी, नामदाफा टाइगर रिजर्व मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर- 3 |
संदर्भ
- 42 साल तक लापता रहने के बाद अरुणाचल प्रदेश में एक रात्रिकालीन उड़ने वाली गिलहरी फिर से दिखाई दी।
प्रमुख बिंदु
- नामदाफा उड़न गिलहरी (बिस्वमोयोप्टेरस बिस्वासी) को अरुणाचल प्रदेश के चांगलांग जिले के नामदाफा टाइगर रिजर्व में आखिरी बार वर्ष 1981 में देखा गया था यह गिलहरी इस रिजर्व के 1,985 वर्ग किमी में पायी जाती है।
- इस गिलहरी को असम स्थित जैव विविधता संरक्षण समूह आरण्यक की टीमों द्वारा अप्रैल 2022 में नामदाफा उड़ने वाली गिलहरी को देखा।
- विशेषता :- यह गिलहरी छोटा,लाल और भूरा रोएंदार फर वाला रात्रिचर स्तनपायी है।
- वैज्ञानिक नाम :- भारतीय प्राणी सर्वेक्षण के निदेशक बिस्वामोय है, जिसे बिस्वास की स्मृति में रखा गया है।
- इस गिलहरी को IUCN द्वारा गंभीर रूप से लुप्तप्राय के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
लुप्तप्राय होने का कारण
- इस गिलहरी के विलुप्त होने का कारण अवैध शिकार और संभवतः निवास स्थान के विनाश आदि है ।
नामदाफा टाइगर रिजर्व :-
- यह राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिजर्व अरुणाचल प्रदेश के चांगलांग जिले में स्थित है।
- इसे 2 अक्टूबर 1972 को असम वन विनियमन,1891 के तहत वन्यजीव अभयारण्य घोषित किया गया था। बाद में इसे वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 के तहत 12 मई 1983 को राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया।
- वर्ष 1983 में इसे प्रोजेक्ट टाइगर योजना के तहत बाघ अभयारण्य घोषित किया गया ।
- इस टाइगर रिजर्व का कोर क्षेत्र 1985.245 वर्ग किलोमीटर और बफर क्षेत्र 245 वर्ग किलोमीटर है। इस प्रकार रिजर्व का कुल क्षेत्रफल 1985 वर्ग किमी है।
- इस रिजर्व का नाम नामदाफा नदी के नाम रखा गया है जो दाफाबम (दाफा पहाड़ी का नाम है, बम का अर्थ पहाड़ी की चोटी है) से निकलकर नोआ-देहिंग नदी में मिल जाती है।
- यह नदी राष्ट्रीय उद्यान के ठीक उत्तर-दक्षिण दिशा में बहती है।
विशेषता:-
- यह क्षेत्र पूर्वी हिमालय के जैव-भौगोलिक क्षेत्र के अंतर्गत आता है।
- यह राष्ट्रीय उद्यान भारत-चीन जैव-भौगोलिक क्षेत्र के जंक्शन पर स्थित है।
- इस राष्ट्रीय उद्यान में वनस्पतियों और जीवों की व्यापक विविधता पायी जाती है।
- यहाँ सदाबहार वन, नम पर्णपाती वन, उपोष्णकटिबंधीय वन, शीतोष्ण वन और अल्पाइन वन आदि हैं।
- नामदाफा टाइगर रिजर्व संरक्षित क्षेत्र उत्तर पूर्वी हिमालय की मिश्मी पहाड़ियों और पटकाई पर्वतमाला के दाफा बम पर्वतमाला के मध्य स्थित है।
वनस्पति:
- यहाँ सदाबहार वन, नम पर्णपाती वन, उपोष्णकटिबंधीय वन, शीतोष्ण वन और अल्पाइन आदि हैं।
- यहां लाइकेन की 73, ब्रायोफाइट्स की 59, हेरिडोफाइट्स की 112, जिमनोस्पेरॉन की 5 और एंजियोस्पर्म की लगभग 801 प्रजातियां पायी जाती हैं।
जीव-जंतु
- यहाँ पर जीव-जंतुओं की लगभग 1285 प्रजातियाँ पायी जाती हैं।
- इस उद्यान में केंचुए की 10, जोंक की 5, कीड़े की 430, तितलियाँ और कीट पतंगों की 140 प्रजातियाँ, मछलियों की 76, उभयचरों की 25, सरीसृप की 50 प्रजातियाँ, पक्षियों की 453 और स्तनधारियों की 137 प्रजातियाँ हैं।
प्रमुख वन्यजीव:-
- इस रिजर्व में पाए जाने वाले वन्यजीव टाइगर, क्लॉएड लेपर्ड, स्नो लेपर्ड, उड़न गिलहरी, बंदर, चिंपैंजी, सफेद झरना वाले गिब्बन, बाघ, लाल पांडा, बड़ा भारतीय सिवेट, हिमालयन पाम सिवेट, गौर (भारतीय बायसन), गोरल , कस्तूरी मृग, स्लो लोरिस, सीरो, हुलोक गिब्बन, असामिया मकाक, कैप्ड लंगूर, हिमालयन आदि पाए जाते हैं।
अरुणाचल प्रदेश के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान एवं टाइगर रिजर्व:-
- नामदाफा राष्ट्रीय उद्यान
- मोनलिंग राष्ट्रीय उद्यान
- पक्के टाइगर रिजर्व
- कमलांग टाइगर रिजर्व
- ईगलनेस्ट मंदिर अभयारण्य
प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न:- हाल ही में अरुणाचल प्रदेश के किस राष्ट्रीय उद्यान में 42 साल से लापता रात्रिकालीन उड़न गिलहरी देखी गई है?
(a) मोनलिंग राष्ट्रीय उद्यान
(b) पक्के टाइगर रिजर्व
(c) कमलांग टाइगर रिजर्व
(d) नामदाफा राष्ट्रीय उद्यान
उत्तर: (d)
मुख्य परीक्षा प्रश्न:- भारत का पूर्वी हिमालय जैविक रूप से बहुत ही महत्वपूर्ण है? मूल्यांकन कीजिए।
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