प्रारंभिक परीक्षा – नैनोडीएपी (Nano DAP) मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर-3,किसानों की सहायता के लिये ई-प्रौद्योगिकी। |
चर्चा में क्यों
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी,2024 को अंतरिम बजट पेश करते हुए सभी कृषि जलवायु क्षेत्रों में विभिन्न फसलों पर नैनो डीएपी के अनुप्रयोग के विस्तार की घोषणा की।
प्रमुख बिंदु
- वित्त मंत्री ने कहा नैनो यूरिया को सफलतापूर्वक अपनाने के बाद विभिन्न फसलों पर नैनो डीएपी के अनुप्रयोग का विस्तार सभी कृषि-जलवायु क्षेत्रों में किया जाएगा।
डीएपी बनाम नैनो डीएपी
- DAP या डाइ-अमोनियम फॉस्फेट यूरिया के बाद भारत में दूसरा सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला उर्वरक है।
- इसमें फॉस्फोरस (P) की मात्रा अधिक होती है जो जड़ और पौधे के विकास को उत्तेजित करता है
- इसके बिना पौधे सामान्य आकार तक नहीं बढ़ सकते हैं या परिपक्व होने में बहुत समय लगता है।
- इसे बुआई से ठीक पहले या समय- समय पर पौधों को दिया जाता है।
- गृह मंत्री अमित शाह अप्रैल,2023 में भारतीय किसान उर्वरक सहकारी (इफको) की नैनो डीएपी को लॉन्च किया था।
- नैनो डीएपी में 8% नाइट्रोजन और 16% फास्फोरस होता है।
- यह पारंपरिक डीएपी के विपरीत नैनो डीएपी तरल रूप में है।
- इसके कण का आकार 100 नैनोमीटर (NM) से कम है।
- इसका छोटा कण आकार नैनो डीएपी को उसके पारंपरिक समकक्ष की तुलना में अधिक कुशल बनाता है।
- इससे उर्वरक को बीज की सतह के अंदर या रंध्र और अन्य पौधों के छिद्रों के माध्यम से आसानी से प्रवेश करने में सक्षम बनाता है।
- पौधे प्रणाली के अंदर उर्वरक के बेहतर अवशोषण से उच्च बीज शक्ति, अधिक क्लोरोफिल, प्रकाश संश्लेषक दक्षता, बेहतर गुणवत्ता और फसल की पैदावार में वृद्धि होती है।
नैनो डीएपी
- नैनो-डीएपी का पूरा नाम नैनो डाई-अमोनियम फॉस्फेट है।
- भारतीय किसान उर्वरक सहकारी लिमिटेड (IFFCO) इसे विकसित कर रहा है।
- यह एक नौनो टेक्नोलॉजी आधारित कृषि उर्वरक है।
- पारंपरिक बोरे वाली दानेदार खाद में 18 प्रतिशत नाइट्रोजन और 46 प्रतिशत फास्फोरस होती थी।
- इसकी तुलना में नैनो डीएपी में 8% नाइट्रोजन और 16% फास्फोरस की मात्रा रहेगी।
- यह एक तरल उर्वरक है, जिसके जरिए फसलों को नाइट्रोजन और फास्फोरस उचित मात्रा में दिया जाता है।
- यह पारंपरिक खाद की तुलना में बजट फ्रैंडली होगी और किसानों को कम पैसे खर्च करने पड़ेंगे।
- यह लिक्विड खड़ी फसलों में नाइट्रोजन और फास्फोरस की कमी को ठीक करने में मदद करता है।
नैनो डीएपी की विशेषताएं:
- नैनो डीएपी फॉर्मूलेशन में नाइट्रोजन 8 प्रतिशत और फॉस्फोर 16 प्रतिशत होता है।
- नैनो डीएपी के कण का आकार 100 नैनोमीटर से कम होता है।
- इसकी खासियत यह है कि इससे जड़ों और पौधों को लाभ मिलता है।
- नैनो डीएपी में नाइट्रोजन और फास्फोरस के नैनो क्लस्टर जैव-पॉलिमर और अन्य सहायक पदार्थों के साथ क्रियाशील होते हैं।
लाभ:
- नौनो डीएपी की वजह से बीज मजबूत होते हैं, पौधों की प्रकाश संश्लेषक दक्षता, बेहतर गुणवत्ता और फसल की पैदावार बेहतर होती है।
- नैनो डीएपी पर्यावरण के लिए कम हानिकारक है लेकिन फसलों को सही मात्रा में पोषक तत्व देता है।
प्रश्न: निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी,2024 को अंतरिम बजट पेश करते हुए सभी कृषि जलवायु क्षेत्रों में विभिन्न फसलों पर नैनो डीएपी के अनुप्रयोग के विस्तार की घोषणा की।
- नैनो-डीएपी का उत्पादन भारतीय किसान उर्वरक सहकारी लिमिटेड (IFFCO) द्वारा किया जा रहा है।
- नौनो डीएपी की वजह से बीज मजबूत होते हैं, पौधों की प्रकाश संश्लेषक दक्षता, बेहतर गुणवत्ता और फसल की पैदावार बेहतर होती है।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं ?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीनों
(d) कोई भी नहीं
उत्तर: (c)
मुख्य परीक्षा प्रश्न : नैनो-डीएपी क्या है? नैनो-डीएपी की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
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स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस